केकड़ी (आदित्य न्यूज़ नेटवर्क) जन—जन की आस्था के केन्द्र गीता भवन में बुधवार को भगतानी परिवार की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का शुभारम्भ हुआ। महोत्सव के तहत सुबह खिड़की गेट स्थित बड़ पिपलेश्वर महादेव मंदिर से विशाल कलश यात्रा निकाली गई। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए गीता भवन पहुंच कर सम्पन्न हुई। शोभायात्रा में महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर रखे थे। सबसे आगे शक्करगढ़ स्थित श्री अमर ज्ञान निरंजनी आश्रम के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीशपुरी महाराज चल रहे थे। आगे-आगे आस्थावान उत्साही कार्यकर्ता पीला पगमण्डा बिछाते उनकी पधरावणी करा रहे थे। कथा आयोजक भगतानी परिवार के सदस्यों ने श्रीमद्भागवत जी को शिरोधार्य कर रखा था। शोभायात्रा खिडक़ी गेट, सदर बाजार, घण्टाघर, जूनियां गेट, जयपुर रोड होते हुए गीता भवन पहुंच कर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई।
भागवत सब ग्रन्थों का सार धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य स्वामी जगदीशपुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण वेद रूपी वृक्ष का पका हुआ फल है। इसमें भक्ति, ज्ञान व वैराग्य की विस्तार से चर्चा है। इसके श्रवण मात्र से ही मृत्यु का भय दूर हो जाता है। परमधाम गमन के लिए भागवत कथा आरक्षण के समान है। भागवत सब ग्रन्थों का सार है। इसका श्रवण करने के लिए देवता भी तरसते है। भारत की पुण्यभूमि में जन्म होना जीवों के अनन्त पुण्य का पुष्प और फल है। भागवत की अमृतमयी कथा जीवन को रास्ता दिखाती है। शुरुआत में कथा आयोजक देवन भगतानी एवं परिवारजनों ने भागवतजी की पूजा अर्चना की। इस मौके पर जगदीश स्वरूप मेवाड़ा, पूरण कुमार कारिहा, सुभाष न्याती, गणेश सिंह भाटी, बिरदीचंद नुवाल, रामनारायण माहेश्वरी, सुरेंद्र जोशी, सुरेन्द्र कारिहा, अशोक विजय, राजेन्द्र फतहपुरिया, भगवान माहेश्वरी, जगदीश फतहपुरिया आदि ने आचार्यश्री का माल्यार्पण कर अभिनन्दन किया। सत्संस्कार सेवा समिति के चन्द्रप्रकाश विजयवर्गीय ने बताया कि प्रतिदिन 8.30 बजे से 11.30 बजे तक एवं दोपहर 3 बजे से सायं 6 बजे तक कथामृत की गंगा प्रवाहित होगी।
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