केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) राजस्थान में जहां इस बार कोरोना का प्रसार तेज गति से हो रहा है, वहीं इस बार इसकी घातकता बेहद कम मानी जा रही है। ऐसा लग रहा है जैसे कोरोना का प्रभाव भी अन्य मौसमी बीमारियों की तरह होता जा रहा है। यह आकलन तीसरी लहर में सामने आ रहे रोगियों की स्थिति को देख कर लगाया गया है। चिकित्सकों के अनुसार जिस तरह सामान्य फ्लू के लक्षण होते है, इस बार करीब करीब वैसे ही लक्षण कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में भी नजर आ रहे है। जिस तरह सामान्य फ्लू अथवा वायरल फ्लू का दौर चलता है, जिसमे लाखों लोग बीमार होते है और चंद दिनों में ठीक हो जाते है। इस बार कोरोना संक्रमितों में भी यही देखने में आ रहा है। वायरल की तरह ही कोरोना के मरीज भी 3 से 5 दिन में रिकवर हो रहे है। अभी जो मरीज पॉजिटिव आ रहे है, उनमे से 98 प्रतिशत एसिप्टोमेटिक रोगियों में वायरल फ्लू जैसे लक्षण है। विशेषज्ञों के अनुसार अब समय लापरवाही बरतने के बजाए सजग रहने का है। आधी जीत मिल चुकी है, पूरी जीत मिलने तक थोड़ा धैर्य रखना चाहिए।
कोविड—19 संक्रामक बीमारी, खतरा भी बड़ा हालांकि कोविड—19 बेहद संक्रामक बीमारी मानी जाती है और इसी कारण इससे बचाव के लिए एहतियात बरतने की सलाह भी दी जाती है। जिसके अनुसार स्व—अनुशासन, कोविड अनुकूल व्यवहार एवं समय पर वैक्सीन की डोज लगवा कर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। दरअसल प्रदेश में हर साल मौसम के अनुसार बीमारियों का दौर बदलता है। नवम्बर से फरवरी तक मुख्यतया वायरल फ्लू का दौर रहता है। चिकित्सकों का मानना है कि तीसरी लहर में कोरोना की घातकता काफी कम हो चुकी है। लेकिन इससे बचने के लिए गाइडलाइन की पालना करना बेहद जरुरी है। इसमें खुद की सुरक्षा के साथ ही दूसरों की सुरक्षा भी अहम है। किसी भी बीमारी से घबराने के बजाए उससे सजगता से निपटना चाहिए।