केकड़ी (नीरज जैन ‘लोढ़ा’) पुलिस थाने का नाम सामने आते ही हर व्यक्ति के जेहन में एक ही बात आती है कि यहां यातना और प्रताड़ना के सिवा कुछ नहीं मिलता। ऐसा माना जाता है कि पुलिसकर्मियों के व्यवहार व तौर—तरीकों में भी शालीनता नहीं होती। थाने में किसी सभ्य आदमी का जाना या पुलिस का किसी आदमी के घर पहुंचना बेवजह सवालिया निशान लगा देता है। इसी नकारात्मक छवि में सुधार करने के लिए राजस्थान के डीजीपी एम.एल. लाठर ने सकारात्मक पहल की है। लाठर के निर्देश पर प्रत्येक पुलिस थाने में स्वागत कक्ष बनाया गया है तथा यहां आने वाले आगंतुकों को खुशनुमा माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है। केकड़ी शहर थाना पुलिस में भी स्वागत कक्ष बनकर तैयार हो चुका है। जिसका मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गत 19 दिसम्बर को वर्चुअल तरीके से विधिवत उद्घाटन कर चुके है।
दो शिफ्ट में हो रहा स्वागत कक्ष का संचालन यहां पुलिसकर्मियों की दो शिफ्ट लगाई गई है। पहली शिफ्ट सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक एवं दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक है। प्रत्येक शिफ्ट में प्रभारी के अलावा एक महिला व एक पुरुष पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है। स्वागत कक्ष में ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। यहां आने वाले फरियादी के साथ शालीन व्यवहार हो तथा उसकी परेशानी को सहानुभूतिपूर्ण तरीके से सुना जाए। इसी के साथ समस्या का निस्तारण करने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाया जाए। स्वागत कक्ष में पुलिस इसी कार्यप्रणाली के तहत कार्य करने का प्रयास कर रही है।
सभी तरह के हेल्पलाइन नम्बर है उपलब्ध स्वागत कक्ष को आकर्षक रूप से सुसज्जित किया गया है। यहां आगंतुकों को सुविधापूर्ण तरीके से बैठाने व पीने के लिए शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही फरियाद लिखने के लिए कागज—पेन की व्यवस्था भी की गई है। इसी के साथ यहां मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर, आपातकालीन सेवा के नम्बर, राजकीय सिटीजन एप, स्थानीय हेल्पलाइन नम्बर, प्रमुख पुलिस अधिकारियों के मोबाइल नम्बर एवं कंट्रोल रूम के नम्बर आदि भी उपलब्ध कराए गए है। यहां मौजूद पुलिसकर्मी द्वारा फरियादी का नाम, फोन नम्बर, पता आदि रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। कार्रवाई की प्रगति के साथ फीडबैंक के लिए कॉल किया जा रहा है।
सारी प्रक्रिया सीसीटीवी की नजर में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सारी प्रक्रिया सीसीटीवी की निगरानी में संपादित की जा रही है। यहां आने वाला आगंतुक किसी कारण से असंतुष्ट है तो अपनी बात सुझाव पुस्तिका में लिख सकता है। स्वागत कक्ष में आने वाले हर व्यक्ति को पावती दी जा रही है। जिसका रिकॉर्ड नियमित रूप से संधारित किया जा रहा है। यहां मौजूद पुलिसकर्मी आपराधिक प्रकरण में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ ही आवश्यक होने पर फरियादी को पुलिस अधिकारियों से भी मिलवा सकते है।