केकड़ी, 10 मई (आदित्य न्यूज नेटवर्क) समीपवर्ती प्रान्हेड़ा में श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के तत्वावधान में जीर्णोद्धार उपरान्त नवीन जिनालय में जिन बिम्बों की भव्यातिभव्य प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन मंगलवार को प्रारम्भ हो गया। सुबह मुनि आगम रत्न सागर, मुनि प्रशम रत्न सागर एवं मुनि वज्ररत्न सागर का प्रान्हेड़ा में मंगल प्रवेश हुआ। सकल जैन समाज के लोगों ने मुनि संघ की भव्य अगवानी की। इसके बाद धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्यक दर्शन की प्राप्ति हो चुकी है लेकिन वह उसका उपयोग नहीं करता, ऐसे में सम्यक दर्शन होने के बावजूद व्यक्ति कोरा-कोरा ही रह जाता है। जिस प्रकार मंदिर पर लगी ध्वजा चारों तरफ घूमती रहती है उसी प्रकार सम्यक दर्शन भी चारों तरफ घूमता है, लेकिन व्यक्ति इसे आस-पास होने के बावजूद पहचान नहीं पाता।
संघ अध्यक्ष उदयसिंह संचेती ने बताया कि महोत्सव के समस्त कार्यक्रम मुनि आगम रत्न सागर, मुनि प्रशम रत्न सागर एवं मुनि वज्ररत्न सागर तथा साध्वी शुभदर्शना, साध्वी डॉ. समकित प्रज्ञा एवं साध्वी स्वस्ति प्रज्ञा की पावन निश्रा तथा अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विधिकारक सिरोही निवासी मनोज कुमार हरण के मार्गदर्शन में आयोजित किए जा रहे है। दोपहर में पार्श्वनाथ पंचकल्याणक पूजा का आयोजन किया। महोत्सव में विधिकारक की भूमिका रूणिजा के प्रवीण जैन, नागदा के गौरव जैन एवं ढोढर के योगेश जैन निभा रहे है। सचिव भंवरलाल मेड़तवाल एवं कोषाध्यक्ष उमरावमल मेड़तवाल ने बताया कि बुधवार को भव्य वरघोड़ा, प्रतिष्ठा संबंधी चढ़ावे एवं मूलनायक का गंभारा प्रवेश, दोपहर में अठारह अभिषेक पूजन एवं रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। भजन संध्या में ब्यावर के अरिहंत कांकरिया सुमधुर भजनों की रमझट लगाएंगे। 12 मई को विघ्न हरण पार्श्वनाथ भगवान की महामंगलकारी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्रतिष्ठा के बाद अभिनन्दन समारोह तथा अष्टोतरी शांति स्नात्र पूजा का आयोजन होगा। 13 मई को सुबह द्वारोद्घाटन एवं सत्तरभेदी पूजा का आयोजन किया जाएगा।