सावर। सावर के बावन माता मंदिर प्रांगण में चल रही भागवद् महापुराण के अंतिम दिन सोमवार को कथा वाचन करते हुए कथावाचक मितलेश किशोरी ने कहा कि भागवद् महापुराण में भगवान श्रीकृष्ण व कल्पवृक्ष का वास है। इस दौरान उन्होंने कृष्ण लीला, रूकमणी विवाह व सुदामा चरित्र का वर्णन किया। सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियों के दौरान महिलाओं ने भाव विभोर होकर नृत्य किया। इस दौरान महायज्ञ के आयोजक बाबा बालक दास महाराज ने भागवद् को अमृत पान के समान बताते हुऐ कहा कि यदि कोई भी प्राणी कथा के अन्तिम दिन भी कथा का अमृतपान कर लेता है। तो उसे पूरी भागवद् का फल मिलता है। भागवद् कथा सुनने मात्र से ही प्राणी सभी पापों से छुटकारा पाकर मोक्ष की प्राप्ति करता है। भागवद् सभी इच्छाओं की पूर्ति करती है।
समापन में मुख्य यजमान एवं आयोजन समिति के अध्यक्ष योगेंद्र सिंह शक्तावत, नाहर सिंह राठौड़, उपाध्यक्ष अमरपाल चौहान सहित अन्य ने महायज्ञ के आयोजक बाबा बालक दास महाराज की पूजा अर्चना की। आयोजन समिति की ओर से कथावाचक एवं उनके सहयोगियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। महाआरती के बाद प्रसाद वितरित किया गया।