केकड़ी। शौर्य एवं समर्पण के प्रतीक महाराजा सूरजमल का बलिदान दिवस शनिवार को विविध आयोजनों के साथ मनाया गया। महाराजा सूरजमल को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि महाराजा सूरजमल में वीरता, धीरता, गंभीरता, उदारता, सतर्कता, दूरदर्शिता, सूझबूझ, चातुर्य एवं राजमर्मज्ञता का अनूठा संगम था। वे मेल-मिलाप और समावेशी सोच को आत्मसात करने वाले सच्चे भारतीय थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में छोटे-बड़े लगभग 80 युद्ध लड़े और सभी में विजय हासिल की।
महाराजा सूरजमल ने अपने प्रभाव से जाट समाज ही नहीं अपितु सम्पूर्ण देश का मान बढ़ाया है। इस मौके पर राजेन्द्र चौधरी, मिश्रीलाल डसाणियां, शिवराज चौधरी, रामधन जाट, शिवराज जाट, कैलाश जाट, गोमा जाट, राजू चौधरी, धनराज माली, ओमप्रकाश माली, विष्णु जाट, जीतराम, मनोज, बलराम, देशराज, जोनी, ऋषि कुमार, रामकुंवार, रूपसिंह, हरिराम, राकेश, सांवरलाल चौधरी समेत अनेक जने मौजूद रहे।