Wednesday, January 22, 2025
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मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान, बाल न बांका होता जिसका रक्षक ‘दयानिधान’

केकड़ी (नीरज जैन ‘लोढ़ा’) बचपन से लेकर बड़े होने तक हमने यह कहावतें कई बार सुनी है कि बाल न बांका होता जिसका रक्षक दयानिधान एवं जाको राखे साइयां मार सके न कोय। उक्त कहावतें हमने बड़े बुजुर्गों से भी सुनी तथा कई बार घटित हुए भयावह हादसों में बचे अन्य लोगों की जुबानी भी सुनी। लेकिन ब्यावर रोड चौराहे पर कबानी की दुकान के बाहर बैठकर धूप सेक रहे 8—10 लोगों को यह मालूम नहीं था कि यह कहावते उन पर भी एक दिन पूरी तरह फिट हो जाएगी। हादसे में बाल—बाल बचे भागचन्द चौधरी का कहना रहा कि सिलेण्डर में विस्फोट होते ही वे वहां से उठकर भागने लगे। थोड़ा आगे जाने के बाद पीछे मुड़ कर देखा तो उनके साथ बैठे लोग भी भाग रहे थे। लेकिन मोहम्मद सुलेमान सड़क पर गिरे हुए थे तथा उनके मुंह व सिर पर चोटें आई हुई थी। उनका पूरा शरीर फटे हुए सिलेण्डर से निकले लिक्विड कार्बोरेटर में सना हुआ था। उन्होंने रुक कर देखा तो वे खुद भी लिक्विड कार्बोरेटर में सन चुके थे। परन्तु गनीमत की बात यह थी कि उन्हें किसी तरह की खंरोच तक नहीं आई। मोहम्मद सुलेमान के अलावा उनके साथ बैठे अन्य लोगों के हालात भी यही थे। सभी लिक्विड कार्बोरेटर में सन चुके थे।चौधरी ने बताया कि हादसे को 24 घण्टे से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन धमाके की आवाजें अभी भी उनके कानों में रह—रहकर गूंज रही है।

हादसे के दौरान मोहम्मद सुलेमान के साथ बैठे वे लोग, जो हादसे में बाल—बाल बच गए।

हादसे के दौरान मौके पर मौजूद अब्दुल हकीम ने बताया कि उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे मौत उन्हें छूकर निकल गई हो। हादसे में उन्हें किसी भी तरह की चोट नहीं आने को वे अल्लाह की मेहर मान रहे है। उनका मानना रहा कि उन्होंने कोई पुण्य का कार्य किया है, जिसकी वजह से वे बाल—बाल बच गए। समीप की दुकान पर बैठे मोहम्मद आशिक ने बताया कि हादसे में मृत मोहम्मद सुलेमान बेहद सुलझे हुए इंसान थे। ​पांच टाइम ​के नमाजी सुलेमान का कभी किसी से कोई विवाद नहीं रहा। उनकी मौत का अभी भी किसी को विश्वास नहीं हो रहा। हर कोई आश्चर्यचकित है, कि ऐसा कैसे हो गया। हादसे के दौरान अब्दुल हमीद, नईम अंसारी, मोहम्मद अफसार, वकील अंसारी आदि भी मोहम्मद सुलेमान के साथ धूप सेक रहे थे। इनमे से किसी भी व्यक्ति को एक खंरोच तक नहीं आई। ये सब जने भी हादसे में आश्चर्यजनक ढंग से बच गए। इसी के साथ गनीमत की बात यह भी रही कि ​धमाके के बाद सिलेण्डर से निकला लिक्विड कार्बोरेटर किसी की आंख में नहीं गया, अन्यथा आंखों की रोशनी भी जा सकती थी।

हादसे में मृत मोहम्मद सुलेमान की फाइल फोटो

क्या है मामला

अजमेरी गेट के समीप रहने वाले 60 वर्षीय मोहम्मद सुलेमान की ब्यावर रोड चौराहे पर दातार कबानी वर्कशॉप के नाम से दुकान है। सोमवार को सुबह दुकान खोलने के बाद वे आसपास के दुकानदारों व परिचितों के साथ दुकान के बाहर बैठकर धूप सेक रहे थे। इसी दौरान दुकान के बाहर रखा गैस वैल्डिंग के लिए गैस बनाने के काम आने वाला कार्बोरेटर सिलेण्डर जोरदार धमाके के साथ फट गया। सिलेण्डर के टुकड़े सुलेमान के मुंह पर लगे। जिससे उनका जबड़ा व सिर का पिछला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें राजकीय जिला चिकित्सालय पहुंचाया। जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

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