केकड़ी, 28 सितम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी जिले को हटाने की अटकलों पर नाराज लोगों ने बार एसोसिएशन के बैनर तले शनिवार को पूर्णतया केकड़ी बंद का आह्वान किया। केकड़ी जिले को यथावत रखने की मांग को लेकर किए गए इस बंद को शहरवासियों का व्यापक समर्थन मिला। सुबह से ही सदर बाजार सहित अन्य इलाकों में बंद का असर स्पष्ट देखा गया। बंद के चलते अधिकांश बाजार, प्रतिष्ठान और निजी शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से बंद रहे। इस बंद को दो दर्जन से अधिक संगठनों ने समर्थन दिया है।

स्वेच्छा से बंद रखे प्रतिष्ठान वकीलों के विभिन्न दलों ने सुबह से ही शहर के विभिन्न बाजारों और अन्य इलाकों में घूम-घूम कर प्रतिष्ठानों को बंद कराया, हालांकि अधिकांश व्यापारियों ने स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। इसके चलते शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और दुकानों पर ताले लटके रहे। वहीं एसडीएम कार्यालय के बाहर दिया जा रहा धरना प्रदर्शन भी जारी रहा और पूर्ण न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया गया। बार एसोसिएशन ने शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का भी बहिष्कार किया।
रविवार को भी बंद रहेंगे केकड़ी के बाजार जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामअवतार मीणा ने बताया कि जिले को लेकर सरकार की चुप्पी से लोगों में खासी नाराजगी है। सरकार के उदासीन रवैये को देखते हुए रविवार को भी केकड़ी बंद का आह्वान किया गया है। सरकार ने जल्दी ही जिले के मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट नहीं किया तो आंदोलन को और अधिक उग्र किया जाएगा। जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस मौके पर बड़ी संख्या में जिला बार एसासेसिएशन के अधिवक्तागण मौजूद रहे।

धरना तीसरे दिन भी जारी इसी प्रकार जिला बचाओ समिति के संयोजक राम अवतार सिखवाल के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट के बाहर चल रहा धरना प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। धरने में विभिन्न संगठनों के लोगों ने शामिल होकर अपना समर्थन दिया। सिखवाल ने बताया कि धरने पर आ रहे लोगों में सरकार के रवैये से नाराजगी है। जिला बनाने के बाद हटाने का निर्णय सरकार के लिए आत्मघाती हो सकता है। सरकार को चाहिए कि लोगों का भ्रम जल्दी से जल्दी दूर करे, वरना जनता में नाराजगी बढ़ती ही जाएगी।
भाजपा नेता के बयान से फैला असंतोष गौरतलब है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ द्वारा केकड़ी और सांचौर सहित छोटे जिलों को हटाने के बयान के बाद से ही लोगों में आक्रोश व्याप्त है। हाल ही में केकड़ी एसपी के स्थानांतरण और चार्ज अजमेर एसपी को सौंपने की घटनाओं ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया है। वहीं शनिवार को पुलिस मुख्यालय द्वारा शाहपुरा व गंगापुर सिटी में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए आवंटित वाहनों को वापस बुलाने से भी सरकार की मंशा जाहिर हो रही है।