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अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो, दर पे सुदामा गरीब आ गया है…

केकड़ी में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के दौरान प्रवचन करते आचार्य जगदीशपुरी महाराज।

केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) शक्करगढ़ स्थित श्री अमर ज्ञान निरंजनी आश्रम के महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीशपुरी ने कहा कि संसार में मित्रता एक मात्र ऐसा रिश्ता है जो पारिवारिक रिश्तों से भी मजबूत होता है। भगवान कृष्ण ने मित्रता निभाने के लिए एक चावल के दाने के बदले संपूर्ण ऐश्वर्य लूटा दिया था। वर्तमान में लालच के चलते कम ही लोग मित्रता का महत्व समझते हैं। सच्चे मित्र और गुरु का जीवन में बहुत महत्व होता है। वर्तमान समय में यह दोनों ही सौभाग्यशाली व्यक्तियों को मिलते हैं। वे गीता भवन में सत्संस्कार सेवा समिति के तत्वावधान में भगतानी परिवार की ओर से आयोजित भागवत कथा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज लोभ, लालच और काम के चलते मित्र-मित्र को और शिष्य गुरु को धोखा दे रहे हैं। इसका परिणाम है कि व्यक्ति अकेला ही सब कुछ करना चाह रहा है और जीवन के अंत समय में अकेला रह जाता है। इस अवसर पर प्रस्तुत भक्ति भजन ‘अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो कि दर पे सुदामा गरीब आ गया है….’ ने उपस्थित श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। कई श्रद्धालु महिलाएं मंत्रमुग्ध होकर पाण्डाल में झूमने लगी।

आचार्यश्री ने कहा कि जब राम की कृपा होती है तब जीवन में संत दरस होता है और जब संतों की कृपा होती है तो जीवन में कृष्ण के दर्शन हो जाते हैं। जब सूर्य उदय होता है तो सारा अंधेरा खत्म हो जाता है, लेकिन फिर भी सूर्य का प्रकाश सब जगह नहीं पहुंच पाता है। लेकिन ज्ञान के सूर्य से कोई भी जगह वंचित नहीं है। कथा के दौरान आचार्यश्री ने गुरुकुल गमन, जरासंध—शिशुपाल उद्धार, रूक्मिणी मंगल व सुदामा चरित्र सहित अन्य प्रसंगों का वर्णन किया। कथा के अंत में आयोजक भगवान दास, देवन दास, कन्हैयालाल, पुरुषोत्तम, चेतन भगतानी एवं परिवारजनों ने भागवतजी की आरती की। सत्संस्कार सेवा समिति के चन्द्रप्रकाश विजयवर्गीय ने बताया कि बुधवार सुबह पूर्णाहूति हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। जिसमे आयोजक परिवार के सदस्य आहूतियां देंगे।

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