केकड़ी। महामण्डलेश्वर राष्ट्रीय संत दिव्य मुरारी बापू ने कहा कि भागवत सब ग्रन्थों का सार है। भागवत की अमृतमयी कथा जीवन को रास्ता दिखाती है। वे बीजासण माता मंदिर के समीप स्थित वृन्दा होटल परिसर में भागवत कथा कर रहे थे। कथा की शुरुआत में संयोजक घनश्याम महाराज ने भागवतजी की पूजा अर्चना करवाई। कथा से पहले बालाजी बगीची से कलश यात्रा व शोभायात्रा निकाली गई। जो कस्बे के विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल पहुंच कर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। शोभायात्रा में महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर रखे थे। वहीं कथा आयोजक परिवार के सदस्यों ने श्रीमद्भागवत जी को शिरोधार्य कर रखा था। भागवत कथा महोत्सव के दौरान प्रथम दिवस की पूजा का सौभाग्य केदारमल, राकेश, मुकेश, सुमित व दीपक तोषनीवाल परिवार ने प्राप्त किया। इस दौरान अशोक धूपड़, राजेन्द्र न्याती, गोपाललाल वर्मा, आनन्दीराम सोमाणी, शिवकुमार बियाणी, मनोज न्याती, दिनेश वैष्णव, अमित गर्ग, रामगोपाल करोड़ीवाल, यज्ञनारायण सिंह शक्तावत, रूपनारायण राठी, प्रहलाद सैन, बजरंग लाल मांगधणा समेत कई श्रद्धालु मौजूद रहे।
