Monday, January 20, 2025
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कार चालक व सहयात्री के साथ किया अनुचित व्यवहार, पुलिस ने टोलकर्मी को किया शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार

केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) यहां जयपुर—भीलवाड़ा मार्ग पर उगांई के समीप स्थित टोल बूथ पर कार चालक के साथ अनुचित व्यवहार करने के मामले में केकड़ी सदर थाना पुलिस ने एक टोलकर्मी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार केकड़ी निवासी गौरव न्याती एवं संजय जाट बीती रात कार में शाहपुरा की तरफ से केकड़ी आ रहे थे। उगांई टोल पर कार्यरत कर्मचारियों ने गौरव व संजय के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। रोकने पर टोलकर्मी और अधिक उग्र हो गए तथा संजय की शर्ट फाड़ दी। सूचना पर केकड़ी सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। पुलिस झगड़ा कर रहे 5 टोलकर्मी को पकड़ कर थाने ले गई। आवश्यक पूछताछ के बाद पु​लिस ने 4 टोलकर्मियों को छोड़ दिया तथा उगांई निवासी लोकेन्द्र सिंह को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। थानाधिकारी राजेश कुमार मीणा ने बताया कि टोलकर्मियों द्वारा अनुचित व्यवहार की लगातार शिकायतें मिल रही थी। रात को हुए झगड़े के संबंध में एक टोलकर्मी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया है।

आखिर कब तक झेले जनता टोलकर्मियों द्वारा वाहन चालकों के साथ अनुचित व्यवहार की शिकायत आम है। केकड़ी क्षेत्र में जयपुर—भीलवाड़ा मार्ग पर उगांई के समीप एवं अजमेर—कोटा मार्ग पर गुलगांव के समीप टोल नाका बना हुआ है। सूत्रों की माने तो यहां आमजन व जनप्रतिनिधियों के अलावा आरएएस अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं न्यायिक अधिकारियों के साथ भी बेहद अपमानजनक भाषा का प्रयोग करने के कई मामले सामने आ चुके है। शिकायत पर पुलिस फौरी कार्रवाई कर मामले को आया गया कर देती है। मामला ज्यादा बड़ा हो तो टोल संचालक ज्यादा से ज्यादा दोषी टोलकर्मी को काम से हटा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है। लेकिन ऐसी स्थिति क्यों बन रही, इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। टोल संचालकों को सोचना होगा कि ऐसी स्थिति अप्रशिक्षित कार्मिकों के कारण तो बन रही। कहीं अल्प वेतन व कार्य की अधिकता तो टोलकर्मियों के फस्ट्रेट होने का कारण नहीं है। तनावपूर्ण माहौल में कार्य करने के कारण भी टोलकर्मी अव्यवहारिक होते जा रहे है। यहां यह माना जा सकता है कि टोल संचालक को सिर्फ पैसा चाहिए। परन्तु उसे यह भी सोचना होगा कि जनप्रतिनिधि के साथ स्थानीय निवासियों के हितों का ध्यान रखना भी उसी की जिम्मेदारी है। छोटे—मोटे मामलों में टोल संचालक को व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए, अन्यथा ऐसे मामलों को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकेगा।

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