केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) दौसा जिले के लालसोट कस्बे में महिला चिकित्सक की आत्महत्या के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर गुरुवार को राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के आव्हान पर राजकीय जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों ने सुबह 9 बजे से 11 बजे तक दो घण्टे कार्य का बहिष्कार किया। इस दौरान आपातकालीन सेवाएं नियमित रूप से जारी रही। लेकिन ओपीडी में उपचार कराने वाले रोगियों को परेशानी उठानी पड़ी। चिकित्सकों की हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं होने पर कुछ मरीजों की चिकित्साकर्मियों से झड़प भी हुई। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. गणपतराज पुरी ने बताया कि गत तीन दिन पहले लालसोट में महिला चिकित्सक डॉ.अर्चना शर्मा ने गर्भवती महिला का प्रसव किया। उपचार के दौरान गर्भवती महिला की मौत हो गई। महिला चिकित्सक ने पीड़िता को बचाने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन वह उसे बचा नहीं सकी।
असामाजिक तत्वों व असंवैधानिक लोगों के दबाव आकर पुलिस ने स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। जबकि चिकित्सक के खिलाफ उक्त धारा में मुकदमा दर्ज करना सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। असामाजिक तत्वों की अराजकता व असंवैधानिक लोगों के दबाव के चलते महिला चिकित्सक आत्महत्या करने पर मजबूर हुई है। चिकित्सकों ने उक्त घटना पर दुख तथा रोष व्यक्त किया तथा हत्या का मामला दर्ज करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने व अराजकता फैलाने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। इसी के साथ चिकित्सकों के साथ होने वाली प्रताड़ना की घटनाओं पर भी रोक लगाने की मांग की गई। इस मौके पर डॉ. मुनेश जैन, डॉ. डी.डी. गुप्ता, डॉ. अनूप धानका, डॉ. मानसिंह बैरवा, डॉ. मीनाक्षी धाकड़, डॉ. अभिषेक जैन, डॉ. लोकेश धाकड़, डॉ. अनिल बब्बानी, डॉ. वरुण, डॉ. भूपेन्द्र, डॉ. लालकृष्ण कुमावत, डॉ. अक्षय, डॉ. सीमा, डॉ. रामकिशोर, डॉ. प्रतीक सिंह समेत अनेक चिकित्सक मौजूद रहे।