केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) रक्तदान के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए राजकीय जिला चिकित्सालय की आरटीपीसीआर लैब में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी ने स्वयं रक्तदान कर मिसाल पेश की है। उनके इस प्रयास की सर्वत्र सराहना की जा रही है। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. गणपतराज पुरी ने बताया कि दूसरों का जीवन बचाने के लिए रक्तदान बहुत जरूरी है, लेकिन ऐसा करने वाले लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। रक्तदान की मुहिम को उतना प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है, जितना अपेक्षित है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण लोगों में फैली भ्रांतियां हैं, जैसे कि रक्तदान से शरीर कमजोर हो जाता है और उस रक्त की भरपाई होने में काफी समय लग जाता है। यह गलतफहमी भी व्याप्त है कि नियमित खून देने से लोगों की रोग प्रतिकारक क्षमता कम हो जाने के कारण बीमारियां जल्दी जकड़ लेती हैं। ऐसी मानसिकता के चलते रक्तदान लोगों के लिए हौवा बन गया है। रक्तदान के प्रति जागरूकता जिस स्तर पर लाई जानी चाहिए थी, उस स्तर पर न तो कोशिश हुई और न ही लोग जागरूक हुए। ऐसे में यहां आरटीपीसीआर लैब में कार्यरत डॉ. शिखा असावा ने स्व—प्रेरणा से रक्तदान कर एक मिसाल कायम की है। इसी के साथ उन्होंने आमजन को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया है। इनके साथ तीतरिया के राजाराम, केकड़ी के प्रणीत विजयवर्गीय व सीएचए अताउर्ररहमान ने भी रक्तदान किया। इस कार्य में डॉ. अरुण भंडारी, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अभिषेक पारीक, लेब टेक्निशियन आनंद पारीक, नर्सिंगकर्मी महावीर झांकल, काउंसलर विनोद साहू आदि ने सहयोग किया।
