Wednesday, January 22, 2025
Home विविध तपती धूप में दिनभर मेहनत करने वाले अधिकतर मजदूर आज भी सरकार...

तपती धूप में दिनभर मेहनत करने वाले अधिकतर मजदूर आज भी सरकार की योजनाओं से महरूम

केकड़ी. नीरज जैन ‘लोढ़ा’ (आदित्य न्यूज नेटवर्क) श्रमिकों को पहले पेट की चिंता है। दो पैसे हाथ में आएंगे तो घर का चूल्हा चलेगा। रोज कमाया, रोज खाया वाली कहावत चरितार्थ करने वाले केकड़ी में ऐसे सैंकड़ों मजदूर है। जिन्हें अन्तरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस से कोई सरोकार नहीं है। तपती धूप में दिनभर मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पेट पालने वाले अधिकतर मजदूर आज भी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से महरूम है। विश्व श्रम दिवस पर संबंधित विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित कर मजदूरों को कल्याण की योजनाएं गिनाई जाती है। लेकिन केकड़ी में रविवार को विश्व श्रम दिवस पर किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्थान ने ऐसा आयोजन कर श्रमिकों को योजनाओं का लाभ देने के लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किया।

दिनभर पसीना बहाने के बाद मिलती दो जून की रोटी अधिकतर मजदूर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी से भी दूर है। जमीनी हकीकत यह है कि आज भी मजदूर दिनभर पसीना बहाने के बाद परिवार के लिए रोटी का जुगाड़ करने के लिए मालिक का मुंह ताकता है। ऐसे मजदूरों को सरकारी नौकर की तरह न तो छुट्टी मिलती है, ना ही अन्य सुविधाएं। कहने को एक मई मजदूरों के लिए समर्पित है। लेकिन मजदूरों के लिए यह सामान्य दिन जैसा ही है। विभाग की ओर से उनका हाल तक जानने का प्रयास भी नहीं किया जाता।

सरकार को नहीं मजदूरों से सरोकार कृषि मंडी में ट्रक में जिंस की बोरियां लदान कर रहे रामलाल ने बताया कि मजदूर दिवस के बारे में वह कुछ नहीं जानता। वह तो सिर्फ इतना जानता है कि रोटी का जुगाड़ करने के लिए उसे हर दिन हमाली करनी पड़ती है। वहीं घीसालाल का मानना है कि सरकार को मजदूरों के हितों से कोई सरोकार नहीं है।

RELATED ARTICLES