केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) यहां शुक्रवार को अजमेर रीजन थैलसीमिया वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में पटेल मैदान स्थित मिश्रीलाल दुबे एकेडमी में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। नगर पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू, सोसायटी के महामंत्री ईश्वर पारवानी व एमएलडी संस्थान के निदेशक चन्द्रप्रकाश दुबे ने दीप प्रज्जवलित कर शिविर का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रक्त नालियों में बहाने के बजाए नाडिय़ों में बहाने से ही मानवीयता के नए आयाम स्थापित हो सकेंगे। रक्तदान के प्रति फैली हुई भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। दुनियां की हर वस्तु का निर्माण फैक्ट्रियों में किया जा सकता है लेकिन रक्त का निर्माण जीवित व्यक्ति के शरीर में ही हो सकता है। रक्त की एक बूंद से मरणासन्न व्यक्ति के प्राण बचाए जा सकते है। रक्तदान से मनुष्य के शरीर में होने वाला रक्त संरचण ठीक रहता है। शुरूआत में डॉ. अविनाश दुबे, गब्बर सिंधी, भंवरलाल तेली सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया।
बढ़-चढक़र लिया भाग, 90 ने किया रक्तदान अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल अस्पताल के ब्लड बैंक के सहयोग से आयोजित इस शिविर में 90 महिला-पुरूषों ने रक्तदान किया। रक्त संग्रहण का कार्य वातानुकूलित चल वाहन में किया गया। शिविर में संग्रहित रक्त का उपयोग थैलसीमिया से पीडि़त 227 बच्चों के नियमित रक्त संचरण के लिए किया जाएगा। शिविर में रामधन गुर्जर, छीतरमल जाट, विष्णु साहू, ललित कोरवानी, निकिताशा, पुखराज, विजय सिंह, सोनू वैष्णव, ललित कोरानी, डॉ. साकेत सारस्वत, लैब टेक्निशियन आमिर, नर्सिंग स्टॉफ मकसूद, शानू कुमावत, मयंक शर्मा, नागराज व कैलाश सहित अन्य ने सहयोग किया।
थैलसीमिया आनुवांशिक बीमारी अजमेर रीजन थैलसीमिया वेलफेयर सोसायटी के महामंत्री ईश्वर पारवानी ने बातचीत में कहा कि थैलसीमिया आनुवांशिक बीमारी है। जो बच्चों को माता-पिता से विरासत में मिलती है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति को प्रत्येक माह रक्त संचरित करवाना पड़ता है तथा जीवन भर लोहकण विसर्जन की दवाओं का उपयोग करना पड़ता है। थैलसीमिया का इलाज अस्थिमज्जा प्रत्यारोपण से किया जा सकता है। लेकिन यह अत्यधिक मंहगा होने के कारण आम आदमी की पहुंच से दूर है। थैलसीमिया रोगियों में रक्त संचरित करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले लोगों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि शादी से पहले प्रत्येक व्यक्ति को थैलसीमिया जांच अनिवार्य रूप से करानी चाहिए।