केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) नगर पालिका की साधारण सभा की बैठक गुरुवार को पालिका अध्यक्ष कमलेश कुमार साहू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में नगर पालिका में सफाई कर्मचारी भर्ती—2018 के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान जयपुर के निर्णय की पालना के बारे में चर्चा की गई। शुरुआत में अधिशासी अधिकारी बसन्त कुमार सैनी ने एजेण्डे के अनुसार सफाईकर्मी भर्ती प्रक्रिया के संबंध में न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय व आदेशों के बारे में अवगत कराया। अधिशासी अधिकारी द्वारा चर्चा के लिए आमंत्रित किए जाने पर भाजपा पार्षद मनोज कुमावत ने कहा कि पूर्व में हुई सभी जांचों को शून्य मानते हुए सभी पात्र सफाईकर्मियों को बहाल किया जाए। कांग्रेस के सहवृत सदस्य रतन पंवार ने भी न्यायालय के आदेशों की पालना करने की बात कही।
सर्वसम्मति से हुए निर्णय बैठक में चर्चा के बाद बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि दो अधिक संतान के संबंध में न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुसार 12 अभ्यर्थियों को बहाल किया जाए, विचारधीन 30 प्रकरणों के मामले में न्यायालय के निर्देशानुसार कार्यवाही की जाए, अपात्र अभ्यर्थियों के संबंध में न्यायालय के निर्णय की पालना की जाए एवं शोभा देवी को आयु में शिथिलता देने के लिए विभाग को प्रकरण बनाकर भिजवाया जाए तथा विभाग द्वारा स्वीकृति मिलने पर स्थायीकरण किया जाए। इसी के साथ 4 अपात्र अभ्यर्थियों की नियुक्ति निरस्त करने के उपरान्त एवं त्याग पत्र व दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के कारण पूर्व में निरस्त 17 अभ्यर्थियों को मिलाकर कुल 21 रिक्त पदों पर न्यायालय के निर्णय के अनुसार स्वायत्त शासन विभाग से मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया।
क्या है मामला वर्ष 2018 में 113 सफाईकर्मियों की भर्ती करने के लिए लॉटरी निकाली गई थी। लॉटरी के द्वारा 107 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। इनमे से 7 कर्मचारियों ने स्वेच्छा से त्याग पत्र दे दिया। अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर अपात्र 21 अभ्यर्थियों एवं दो से अधिक संतान वाले 13 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पालिका द्वारा निरस्त कर दी गई। सफाईकर्मी भर्ती 2018 के संबंध में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 2019 में हुए निर्णय की अवमानना पर 2020 में याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट ने अदालत के आदेशों की अवमानना को गंभीरता से लेते हुए डीएलबी डायरेक्टर समेत पालिका के अधिशासी अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगते हुए स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए थे।
बैठक की वैधानिकता पर उठे सवाल इस संबंध में पालिका प्रशासन द्वारा विशेष बैठक आहूत की गई तो कांग्रेस पार्षदों ने बैठक की वैधानिकता पर सवाल उठा दिए। वहीं भाजपा पार्षदों ने किसी पचड़े में नहीं पड़ने की बात कहते हुए बैठक से कन्नी काटने का मन बना लिया। इसके बाद दोनों तरफ के पार्षदों से समझाइश का दौर शुरु हुआ। पालिका अध्यक्ष एवं ईओ ने एक—एक पार्षद को बुलाकर बैठक में आने की बात कही। इसके बावजूद दोनों तरफ के कुछ पार्षद किसी भी सूरत में बैठक में आने के लिए तैयार नहीं हुए। ऐसे में पालिका बोर्ड को यह चिंता सताने लगी कि बैठक के लिए आवश्यक कोरम भी पूरा होगा या नहीं। लेकिन बैठक में नियत संख्या में पार्षदों के पहुंचने से कोरम भी पूरा हो गया तथा पालिका अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी के मन की बात भी रह गई।
ये रहे मौजूद बैठक में कुल 25 पार्षद मौजूद रहे। जिनमे पालिका अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष समेत कांग्रेस के 9 पार्षद, भाजपा के 9 पार्षद, निर्दलीय 2 पार्षद एवं राज्य सरकार द्वारा मनोनीत 5 पार्षद शामिल है। पालिका से प्राप्त सूची के अनुसार बैठक में पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू, उपाध्यक्ष संपत देवी, कांग्रेस पार्षद रमाकान्त दाधीच, कुन्दन देवतवाल, संतोष गोपलान, जुबीन अहमद, उषा दाधीच, मंजू बज, राजकुमार खटीक, निर्दलीय राजेश चौधरी व रामराज शर्मा, भाजपा के मिश्रीलाल डसाणियां, राजेन्द्र चौधरी, मनोज कुमावत, सुखलाल जाट, कैलाश चौधरी, सुरेश चौधरी, कोमल राठी, उषा जैन व डिम्पल बेनीवाल एवं सहवरण सदस्य रतन पंवार, रोहित सिंह चौहान, सज्जन बोयत, इंसाफ अली शोरगर व चन्द्रप्रभा जैन मौजूद रहे।
चर्चा में रही पुलिस की मौजूदगी बैठक के दौरान केकड़ी शहर थाना पुलिस एवं केकड़ी सदर थाना पुलिस की पालिका परिसर में मौजूदगी ने कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया। बताते है कि बोर्ड की बैठक पिछले कई दिनों से चर्चाओं में थी। ऐसे में बैठक में हंगामा आदि होने की पूरी संभावना थी। इसी संभावना को देखते हुए सदर थाना प्रभारी राजेश कुमार मीणा एवं शहर थाना पुलिस के एसआई प्रताप सिंह के नेतृत्व में दोनों थाने का पुलिस जाप्ता पूरे समय पालिका परिसर में मौजूद रहा। लेकिन बैठक के दौरान किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ।