केकड़ी। नानेश पट्टधर, प्रवचन प्रभाकर, संयम सुमेरू जैनाचार्य प्रवर विजयराज महाराज का मंगलवार को केकड़ी के जैन स्थानक में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। श्रावक श्राविकाओं ने एक जूलूस के रुप में मुनि संघ को सदर बाजार स्थित स्थानक भवन पहुंचाया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के सुशील मेड़तवाल ने बताया कि जैनाचार्य प्रवर के साथ संघ के वरिष्ठ संत नवीनप्रज्ञ मुनि, संत जाग्रत मुनि एवं दिव्य मुनि भी केकड़ी पधारे है।जैनाचार्य ने अपने समस्त आगारों के साथ शुक्रवार तक केकड़ी में ही विराजने की घोषणा की है। धर्मसभा की शुरुआत में आचार्य विजयराज ने अरे मनवा तू संभल जाए, तो सारा जग संभल जाए गीत से श्रद्धालु श्रावक श्राविकाओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि अपने मन को साध लो सब सुधर जाएगा। इसी से दुःख है व इसी में सुख है। मानव सुख व शांति को बाहर खोजने में लगा हुआ है। यह उसकी सबसे बड़ी भूल है। जबकि सुख व शांति उसके भीतर में ही समाहित है। जैनाचार्य प्रवर विजयराज के आचार्य बनने के बाद पहली बार केकड़ी पदार्पण पर श्रद्धालु श्रावक व श्राविकाओं का रैला मंगल प्रवेश व प्रवचन में उमड़ पड़ा। धर्म सभा मे संघ अध्यक्ष अरविंद नाहटा, चंद्रमोहन चौधरी, पुखराज लोढ़ा, रिखबचंद सांखला, सुशील कर्नावट, नरेन्द्र कोठारी, ज्ञानचंद बोरदिया, गणेशीलाल तातेड़, प्रकाश चीपड़ आदि मौजूद रहे। संचालन शिक्षाविद प्रो. ज्ञानचन्द सुराणा ने किया। संघ के रिखबचंद सांखला ने बताया कि गुरुदेव श्री के केकड़ी प्रवास के दौरान नित्य प्रति प्रवचन सवेरे 9.15 बजे, महामांगलिक दोपहर 3 बजे एवं सायंकालीन प्रतिक्रमण 5.30 बजे एवम धर्म चर्चा रात्रि में 7 बजे होगी।