केकड़ी। सतगुरु माता सुदीक्षा ने कहा कि परमात्मा ने इस सृष्टि और मनुष्य का निर्माण केवल प्यार करने के लिए किया है। अत: सभी में ईश्वर का रूप देखते हुए प्रेम से जीवन जीना ही मनुष्य जीवन का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। वे 74वें निरंकारी संत समागम के शुभारम्भ अवसर पर आयोजित वर्चुअल समारोह में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि कोरोना ने मानव को रोजमर्रा की जिंदगी में निस्वार्थ भाव से एक दूसरे पर विश्वास करना सिखाया है। हम सभी के अंदर इस परमात्मा को देखते हुए एक–दूसरे का सत्कार करें। नर सेवा नारायण सेवा का भाव रखें, तो यही परम धर्म है। हमें जागृत रहना और ध्यान रखना है कि इस धरती से जब भी जाए तो इसे पहले से बेहतर छोडक़र जाएं। उन्होंने कहा कि परमात्मा को जानकर उस पर विश्वास करने से आनंद की अवस्था प्राप्त होती है यदि हम सामाजिक रूप में देखें तो केवल सह अस्तित्व ही नहीं अपितु शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के भाव से जिएं, परमात्मा ने हमें जो प्राकृतिक स्रोत दिए हैं उनका हम सदुपयोग करें। केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक रंगवानी के अनुसार हरियाण में समालखा और गन्नौर के बीच जीटी रोड पर स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल से इस संत समागम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। जिसका आनंद भारत तथा दूर देशों में बसे हुए लाखों निरंकारी श्रद्धालु मिशन की वेबसाइट तथा साधना टीवी चैनल के माध्यम से प्राप्त कर रहे है। मीडिया सहायक राम चन्द टहलानी ने बताया कि केकड़ी में मिशन से जुड़े सैंकड़ों परिवार वर्चुअल तरीके से समागम के साक्षी बनकर अपने आप को धन्य महसूस कर रहे है।
प्रेम से जीवन जीने के लिए सभी में देखना होगा ईश्वर का रूप
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