केकड़ी. नीरज जैन ‘लोढ़ा’ (आदित्य न्यूज नेटवर्क) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को राज्य का बजट प्रस्तुत करेंगे। बजट में किसे क्या मिलेगा, इसके बारे में फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी है। लेकिन केकड़ी विधानसभा क्षेत्र की जनता इस बजट से क्या चाहती है, इसके बारे में बात करें तो हर तरफ से एक ही आवाज आ रही है, कि केकड़ी को जिला बनाया जाए। केकड़ी जिला बनता है तो यहां विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। जिला बनने से केकड़ी क्षेत्र के लोगों को भी विकसित इलाकों की तरह सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी तथा लोगों का जीवन स्तर बेहतरीन हो सकेगा। व्यवसायिक एवं भौगोलिक दृष्टिकोण से केकड़ी का एक अलग मुकाम है। पूर्व में केकड़ी विधानसभा क्षेत्र टोंक लोकसभा क्षेत्र में शामिल था ऐसे में विकास कार्यों को आशातीत गति नहीं मिल पाई। केकड़ी के जिला बनने से इलाके में विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
केकड़ी का दावा सबसे ज्यादा मजबूत केकड़ी कस्बा भौगोलिक दृष्टि से अजमेर जिले में सबसे ज्यादा दूरी पर बसा उपखण्ड है। केकड़ी उपखण्ड के अंतिम छोर पर बसे ग्राम नापाखेड़ा से अजमेर की दूरी तो लगभग 115 किलोमीटर है। 2011 में हुई जनगणना के अनुसार केकड़ी की जनसंख्या 42 हजार को पार कर चुकी है। क्षेत्र में केकड़ी, सावर व सरवाड़ में औद्योगिक क्षेत्र है। जिनमें कई इकाईयां संचालित हो रही है। केकड़ी क्षेत्र की अधिकतर आबादी कृषि आधारित कार्यों से जुड़ी हुई है। कृषि यहां का प्रमुख कार्य है। सालाना पांच करोड़ रुपए से अधिक की आय देने वाली केकड़ी कृषि उपज मंडी समिति की गिनती प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ मंडियों में होती है।
धार्मिक व औद्योगिक क्षेत्र में है विशिष्ट पहचान ग्राम बघेरा में विश्व प्रसिद्ध भगवान वराह का मंदिर है, तो वहीं सरवाड़ में ख्वाजा फखरूद्दीन चिश्ती की दरगाह है। सावर कस्बा मार्बल नगरी के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर चुका है। एकलसिंहा गांव ग्रेनाइट खनन के मामले में नए आयाम स्थापित कर रहा है। प्रदेश की सबसे बड़ी जलप्रदाय योजना बीसलपुर परियोजना शुरु होने के बाद क्षेत्र के किसानों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है। इस परियोजना से अजमेर के अधिकांश हिस्से में तथा जयपुर शहर में पेयजल वितरण होता है। बीसलपुर बांध बनने के बाद से ही क्षेत्र के भूजल स्तर में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। पानी की उपलब्धता से किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है, वहीं गांवो में शहरीकरण की छाप स्पष्ट नजर आने लगी है।
केकड़ी में है जिला स्तर के कई कार्यालय केकड़ी में वर्तमान में उपखण्ड कार्यालय, तहसील कार्यालय, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जलदाय विभाग, अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड सहित कई अन्य विभागों के अधिशाषी अभियंता स्तर के कार्यालय चल रहे है। आठ साल पहले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी खुल चुका है। केकड़ी की नगर पालिका राज्य की उन गिनी चुनी नगर पालिकाओं में शामिल है जिसका 153 वर्ष का इतिहास उपलब्ध है। यहां एडीजे की दो कोर्ट, एसीजेएम की दो कोर्ट व एक मुंसिफ मजिस्ट्रेट कोर्ट है। पिछले कई वर्षों से यहां परिवहन विभाग का जिला स्तरीय कार्यालय संचालित हो रहा है। प्रशासन ने जिला स्तर के कार्यालयों के लिए अजमेर रोड पर जमीनें आरक्षित कर रखी है।
केकड़ी जिला बना तो क्या होगा केकड़ी के जिला बनने पर तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे। शिक्षा, चिकित्सा आदि की जिला स्तरीय सेवाएं उपलब्ध होगी। प्रशासनिक कार्यो में तेजी आएगी। जिला बनने से क्षेत्र का समुचित विकास संभव हो सकेगा। रोजमर्रा के कामकाज के हिसाब से आसपास के लोगों के लिए भी यह अनुकूल रहेगा। जिला बनाए जाने पर यहां नए न्यायालय खुलने का रास्ता प्रशस्त होगा। केकड़ी व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र है। जिला बनने से क्षेत्र के किसानों व व्यापारियों को कई फायदे होंगे। रोजमर्रा के कामों के लिए क्षेत्र के लोगों को अजमेर जाने से निजात मिलेगी। जिला बनने से इलाके में रहने वाले लोगों का गौरव बढ़ेगा।
जिले की मांग को लगे पंख वर्ष 2012 में तत्कालीन कांग्रेस विधायक एवं सरकारी मुख्य सचेतक रहे डॉ. रघु शर्मा की अनुशंसा पर कांग्रेस सरकार ने केकड़ी को जिला बनाने के लिए तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी। सरकार की उच्च स्तरीय समिति के निर्देश पर तत्कालीन जिला कलेक्टर वैभव गालरिया ने इस संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। रिपोर्ट के अनुसार केकड़ी भौगोलिक दृष्टि से अजमेर जिले में सबसे ज्यादा दूरी पर बसा उपखण्ड है। वर्तमान में यहां जिला परिवहन कार्यालय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, पांच न्यायालय सहित जिला स्तर के विभिन्न कार्यालय मौजूद है। उस दौरान डॉ. रघु शर्मा का कहना रहा कि विकास के दृष्टिकोण से केकड़ी इलाका वर्षों से उपेक्षित रहा है। इलाके के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए केकड़ी को जिला बनाया जाना जरूरी है।
बाद में क्या हुआ वर्ष 2013 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आ गई। भाजपा सरकार ने इस संबंध में किसी तरह का कोई प्रयास नहीं किया। भाजपा शासन के दौरान राम अवतार सिखवाल ने जिला बनाओ समिति का गठन कर आंदोलन शुरु किया। लेकिन उनके प्रयास नाकाफी साबित हुए। इनके अलावा केकड़ी को जिला बनाने के लिए किसी भी राजनीतिक, सामाजिक अथवा अन्य संगठन ने किसी तरह का आंदोलन नहीं किया।