केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) राजस्थान के वीर सपूत, हिन्दुआ सूरज, मेवाड़ रतन महाराणा प्रताप की 12 फरवरी 2022, शनिवार माघ शुक्ल एकादशी को 425वीं पुण्य तिथि है। इस मौके पर पुष्कर के सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने रेत के धोरों में महाराणा प्रताप की 21 फीट लम्बी व 30 फीट चौड़ी कलाकृति बनाकर इतिहास कायम किया है। बताया जाता है कि यह देश की पहली सबसे बड़ी महाराणा प्रताप की सैंड आर्ट प्रतिमा है। रावत ने बताया कि मेवाड़ के वैभवशाली इतिहास के सिरमोर रहे महाराणा प्रताप की वीरता का यशोगान आज भी वसुन्धरा के हर भूभाग पर गूंज रहा है। हर राष्ट्रभक्त की जुबान पर महाराणा प्रताप की वीरता का गान है। ऐसे में महाराणा प्रताप के ऐतिहासिक व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से पुष्कर के रेतीले धोरों में सबसे बड़ी सैण्ड आर्ट प्रतिमा का निर्माण किया गया है। उनका कहना रहा कि इतिहासकारों ने महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व के साथ उचित न्याय नहीं किया। महाराणा प्रताप के समकक्ष अकबर का व्यक्तित्व बहुत अदना ही था। जिसे इतिहासकारों ने बहुत बढ़ा—चढ़ाकर प्रस्तुत किया। रावत ने अपनी कला के जरिए यह साबित कर दिया कि महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व की बराबरी करने वाला इस दुनियां में दूसरा कोई नहीं है। रावत द्वारा तैयार की गई इस कलाकृति का अवलोकन करने लोगों का हुजूम उमड़ रहा है। रावत ने अपनी कलाकृति में मेवाड़ के राज सिंहासन पर बैठे महाराणा प्रताप, सूर्य, चन्द्र, शेर, हाथी, किले की दीवार आदि प्रदर्शित किए है। कलाकृति के चोरों तरफ भगवा ध्वज फहराए गए है।
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