केकड़ी। हरियाणा में समालखा और गन्नौर के बीच जीटी रोड पर स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर चल रहे 74वें निरंकारी संत समागम के दूसरे दिन वर्चुअली प्रवचन करते हुए सतगुरु माता सुदीक्षा ने कहा कि किसी काल्पनिक बात पर तब तक विश्वास नहीं होता जब तक हम साक्षात वह चीज नहीं देखते। उसी तरह से प्रभु परमात्मा ईश्वर पर भी हमारा विश्वास तभी परिपक्व हो सकता है जब ब्रह्मज्ञान द्वारा उसे जाना जाए। ईश्वर पर दृढ़ विश्वास रखते हुए जब मनुष्य अपनी जीवन यात्रा भक्ति भाव से युक्त होकर व्यतीत करता है तो वह आनंददायक बन जाती है।

उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड की हर वस्तु विश्वास पर टिकी है। पर विश्वास ऐसा ना हो कि वास्तविक रूप में कुछ और हो और मन में कुछ और। हम कल्पना दूसरी आंख बंद करके अथवा असलियत से आंख चुराकर करते हैं तो फिर हम उन अंधविश्वासों की ओर बढ़ जाते हैं। किसी वस्तु की वास्तविकता और उसका उद्देश्य ना जानते हुए तर्कसंगत ना होते हुए भी उसे करते चले जाना ही अंधविश्वास की जड़ है। इससे नकारात्मक भाव मन पर हावी हो जाते हैं। केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक रंगवानी एवं मीडिया सहायक रामचन्द टहलानी ने बताया कि समागम के दूसरे दिन सेवादल रैली का आयोजन किया गया। जिसमे देश–विदेश से आए सेवादल कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। रैली के दौरान सेवादारों ने विभिन्न खेल, शारीरिक व्यायाम, लघु नाटिका आदि का प्रदर्शन किया।