केकड़ी। इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर साइंटिफिक स्प्रिच्युअलिज्म मेरठ के डॉ. गोपाल शास्त्री ने कहा कि मन की अशांति, नकारात्मक सोच और स्वार्थ की भावना व्यक्ति की मानसिकता को विकृत बना देती है। वे बढ़ते कदम गोशाला संस्थान एवं तप सेवा सुमिरन समिति के तत्वावधान में अजमेर रोड स्थित कटारिया ग्रीन्स में आयोजित सात दिवसीय स्वास्थ्य एवं अध्यात्म शिविर के समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच और परोपकार की भावना से न सिर्फ स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है, अपितु परम कल्याण की प्राप्ति भी होती है। व्यक्ति के जीवन में भोजन की भूमिका को लेकर कई तरह की बातें प्रचलित है। भोजन शरीर को शक्ति देता है। जबकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है। शक्ति भोजन से नहीं अपितु उपवास से मिलती है। शारीरिक विकास के लिए उम्र सीमा तय है। इसी आधार पर आहारचर्या तय होगी, तभी सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिल सकेगी।
शास्त्री ने कहा कि संतुलित आहारचर्या से ही उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति हो सकती है। रोगों का नाश राम की कृपा से ही होता है। अध्यात्म की रोशनी से सरोबार व्यक्ति ही स्वस्थ एवं सुखद जीवन का महत्व समझ सकता है। समापन समारोह में अतिथियों ने शिविर की स्मारिका का विमोचन किया। इस मौके पर उद्यमी भगवान स्वरूप नुहाल मुख्य अतिथि एवं एसएन न्याति, देवन भगतानी, सुमित्रा पारीक, राकेश जोशी व नाथू प्रेमचंदानी विशिष्ट अतिथि रहे। अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष अशोक पारीक ने की। संचालन कवि बुद्धिप्रकाश दाधीच ने किया। समारोह के दौरान शिविर में भाग लेने वाले साधकों ने अपने अनुभव साझा किए।
शिविर में संस्थान सचिव राजेंद्र बियानी, कोषाध्यक्ष राकेश तोषनीवाल, यज्ञनारायण सिंह, आनंद सोमाणी, मुकेश नुहाल, अमित गर्ग, हरि सोमाणी, अशोक मंगल, शरद पारीक, कैलाश जैन, महेश शर्मा, नीरज नामा, रामनिवास छीपा, गोपाल वर्मा, अनिल मंत्री, ओमप्रकाश शर्मा, धनराज चौधरी, गोपाल बियानी, पवन गौतम, चंदू पंडित, पंकज होतचंदानी, गोपाल वैष्णव, दिनेश वैष्णव, मुकेश शर्मा, नाथूलाल शर्मा, मनोज न्याति, महेंद्र पारीक, किशन खारोल, राजेंद्र शर्मा, सत्यनारायण मेवाड़ा, मधुलिका दाधीच, डॉ. राजकुमारी मीणा, डॉ. लोकेश मीणा, प्रभा पंचोली, निर्मला सोमाणी, रेखा मंत्री समेत अन्य ने सेवाएं दी।