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मंत्र णमोकार हमें प्राणों से प्यारा…

केकड़ी में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान आयोजित भजन संध्या में भजनों की रसगंगा बहाते रूपेश जैन।

केकड़ी। सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में चल रहे आदिनाथ चर्तुविंशति जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत सोमवार को रात्रि में राजपुरा रोड स्थित आदिनाथ वाटिका में विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया। श्रावक-श्राविकाओं से खचाखच भरे पाण्डाल में इन्दौर के सुप्रसिद्ध भजन गायक रूपेश जैन ने सुमधुर भजनों की  रसगंगा बहाई।

केकड़ी में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान आयोजित भजन संध्या में मौजूद श्रद्धालु।

भजन संध्या की शुरुआत में उन्होंने मंत्र णमोकार हमें प्राणों से प्यारा… भजन प्रस्तुत किया। इसके बाद जैन ने मैंने पिछले जन्म, किए अच्छे कर्म, मुझे जैनी कुल परिवार मिला…, जो भी डूबे प्रभु की भक्ति में, जिंदगी में उनके बदलाव हो गया…, जिनको पार्श्वनाथ से लगाव हो गया, दूर जिंदगी से हर अभाव हो गया…, जाना है, अबके साल तो सम्मेद शिखर जी…, मांगते ही रहते तुझसे सांझ सवेरे, हाथ ये फैले रहते सामने तेरे… समेत कई सुमधुर भजन प्रस्तुत किए।

केकड़ी में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान आयोजित भजन संध्या में नाचते नवयुवक।

उन्होंने अरे माता-बहनों जरा ये बता दो, कि मंदिर में श्रृंगार भला किस लिए है… एवं कमाल हो गया जी कमाल हो गया, पंचकल्याणक केकड़ी का बेमिसाल हो गया… समेत कई भजन सुनाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान प्रतिष्ठाचार्य पंडित सुधीर मार्तण्ड केसरियाजी व पंडित मनोज कुमार शास्त्री बगरोही समेत केकड़ी एवं आसपास के गांवों से आए हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।

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