केकड़ी. नीरज जैन ‘लोढ़ा’ (आदित्य न्यूज नेटवर्क) प्रत्यक्ष प्रभावी नूतन जैन निर्माता युग प्रधान दादा श्री जिन कुशल सुरी गुरुदेव की प्रत्यक्ष दर्शन स्थली मालपुरा तीर्थ में 689वें दर्शन दिवस पर श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ जयपुर के तत्वावधान एवं स्वर्गीय चांदमल चौरड़िया एवं स्वर्गीय अलोल देवी चौरड़िया के परिवारजन की ओर से आयोजित दो दिवसीय होली मेले के दौरान गुरुवार रात्रि को विशाल भजन संध्या का आयोजन किया गया।
जिसमें देशभर के करीब दस हजार श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जिसमें गायक कलाकारों ने पूरी रात एक से बढ़कर एक मधुर भजन प्रस्तुत कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भजन संध्या में कोलकाता के विजय सोनी, बालोतरा के वैभव बाघमार, इन्दौर के लवेश बुरड़ एवं हैदराबाद के संयम नाबेड़ा ने भजन प्रस्तुत किए। विजय सोनी द्वारा प्रस्तुत भजन पर भक्ति की है रात दादा आज थान आनो है, पर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।
लवेश बुरड़ द्वारा ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा, गुरुवर के जैसा दर कहां मिलेगा.. जिस पर सभी ने जमकर भक्ति नृत्य किया। सभी भजन गायकों ने पूरी रात दादा गुरुदेव के समक्ष भजन प्रस्तुत किए। वही भजन शंख बजे सहनाई रे, देखो रुनक झुनक यहां आई रे की पर सभी ने जमकर भक्ति की। इस दौरान दादाबाड़ी को आकर्षक ढंग से सजाया गया तथा देव प्रतिमाओं का फूलों से विशेष श्रंगार किया गया।
इस दिवस पर कोलकाता, रायपुर, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, हैदराबाद, दिल्ली, जयपुर, बेंगलुरु आदि सभी जगह से श्रद्धालु आकर भक्ति करते हैं। प्राकट्य दिवस की यह महिमा है कि श्री जिन कुशल सूरी जी महाराज का देवलोक गमन होने पर उन्होंने अपने भक्त उदयराज को पूर्णिमा के दिन साक्षात प्रकट होकर दर्शन दिए थे। जिनके पद चिन्ह आज भी शिला पर अंकित है।