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राष्ट्रीय लोक अदालत में 417 प्रकरणों का किया निस्तारण

केकड़ी। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रथम अम्बिका सोनी ने कहा कि लोक अदालत में तो किसी पक्ष की हार होती है ना ही किसी पक्ष की जीत होती है। वे शनिवार को चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान बोल रही थी। उन्होंने लोक अदालत के बारे में जानकारी देते हुए इससे मिलने वाले फायदों के बारे में बताया। राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान राजीनामे से प्रकरणों का निस्तारण कराने के लिए केकड़ी में कुल तीन बैंच गठित की गई। तीनों बैंचों द्वारा आईपीसी, एनआई एक्ट एवं एमएसीटी के कुल 417 प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा 4.96 करोड़ रुपए के अवॉर्ड पारित किए गए। तालुका विधिक सेवा समिति के सचिव गौतम चांवला ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में एडीजे प्रथम अम्बिका सोनी की अध्यक्षता एवं पैनल अधिवक्ता मुकेश गढ़वाल की सदस्यता में गठित प्रथम बैंच में कुल 85 प्रकरणों का निस्तारण किया। इस दौरान मोटर दुर्घटना दावे के 51 प्रकरणों में 2.95 करोड़ रुपए एवं प्रीलिटीगेशन के 8 प्रकरणों में 5.92 लाख रुपए के अवार्ड पारित किए गए। इस दौरान 26 पारिवारिक प्रकरणों का निस्तारण भी आपसी राजीनामे के माध्यम से किया गया।

केकड़ी में राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान न्यायालय में मौजूद न्यायिक अधिकारी एवं उपस्थित पक्षकार।

अपर मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम युवराज सिंह की अध्यक्षता एवं अधिवक्ता नवल किशोर पारीक की सदस्यता में गठित द्वितीय बैंच में कुल 235 प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण कर 1.28 करोड़ रुपए के अवार्ड पारित किए गए। इसी के साथ एक दीवानी वाद जो 1999 से चल रहा था, उसका भी राजीनामे से निस्तारण किया गया। इसी प्रकार न्यायिक मजिस्ट्रेट मर्यादा शर्मा की अध्यक्षता एवं अधिवक्ता विष्णु कंवर की सदस्यता में गठित तृतीय बैंच में कुल 65 प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण कर 66.89 लाख रुपए के अवार्ड पारित किए गए। इस मौके पर अधिवक्ता चेतन धाभाई, हेमन्त जैन, हनुमान प्रसाद शर्मा, अजय पारीक, तालुका सचिव गौतम चांवला, निजी सहायक राजेन्द्र निर्वाण, ओमप्रकाश लोट, अर्जुनलाल, प्रहलाद रामावतार तथा कई अधिवक्ता एवं न्यायिक कर्मचारियों ने सहयोग किया।

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