केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) दिगम्बर जैन आचार्य शांतिसागर महाराज की परंपरा के षष्ठम पट्टाचार्य, अभिनंदन सागर महाराज के शिष्य एवं प्रखर वक्ता आचार्य अनुभव सागर महाराज ने कहा कि जन्म मरण ये सब दुख का मूल कारण नहीं है। अपितु हमारा मोह ही हमारे दुख का कारण है। वे बोहरा कॉलोनी स्थित नेमीनाथ मंदिर में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भोग उतना बुरा नहीं है, जितना लोभ बुरा है। भोग की एक सीमा है, लेकिन लोभ अनन्त है। लोभ और मोह के कारण परिवार, समाज व देश का विघटन हो रहा हें आपसी प्रेम व सम्मान ही उन्नति का माध्यम है। हमें जीवन के मूल्य और उद्देश्य की पहचान कर बहुमूल्य जीवन का सदुपयोग करनाा होगा। मीडिया प्रभारी रमेश जैन ने बताया कि दोपहर बाद मुनि संघ ने सरवाड़ के लिए मंगल विहार किया। मुनि संघ आगामी 1 मार्च को अजमेर में मंगल प्रवेश करेगा।