केकड़ी। कथावाचक हरिशरण महाराज ने कहा कि विश्वास ही भक्ति का मुख्य आधार है और इसी से कल्याण है। हर व्यक्ति को अपने बच्चों में बड़ों का आदर करने का संस्कार डालना चाहिए। इसी के साथ बुजुर्गों के चरण स्पर्श करके ही दिन की और हर कार्य की शुरुआत करनी चाहिए। वे यहां अजमेर रोड पर स्थित नामदेव छीपा धर्मशाला में चल रही भागवत महापुराण के पांचवे दिन प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का चरित्र बहुत ही अद्भुत और निराला है। इस दौरान उन्होंने नंद महोत्सव, गिरिराज प्रसंग सहित भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। मुख्य यजमान रघुवीर प्रसाद सैनी व चंद्रकांता सैनी ने कथावाचक हरिशरण महाराज का अभिनन्दन किया। भजनों की सरिता में भावविभोर होकर महिला—पुरुषों ने नृत्य किया एवं झूमते हुए आनंद उठाया।