केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) केकड़ी उपखण्ड के गिरवरपुरा गांव में आवंटित सरकारी शराब ठेके की दुकान को राजकीय कार्यालयों के लिए आरक्षित जमीन पर खोलना अतिक्रमी और अनुज्ञाधारी मांगीलाल मीणा को महंगा पड़ गया। नापाखेड़ा के ग्रामीणों ने राजकीय कार्यालयों के लिए आरक्षित जमीन पर सरकारी शराब ठेका खोलने की शिकायत सीएम पोर्टल पर डाल दी। शिकायत मिलने पर राजस्व और स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरु की, जो देर शाम तक चली। जानकारी के अनुसार गिरवरपुरा पटवार हल्का के खाता संख्या 387 पर पटवार भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य राजकीय भवन निर्माण के लिए सरकार ने जमीन आरक्षित की थी। सरकारी शराब की दुकान के अनुज्ञाधारी मांगीलाल मीणा ने अपने प्रभाव से अजमेर—कोटा हाईवे से महज 200 मीटर की दूरी पर सरकारी भवनों के लिए आरक्षित जमीन पर अतिक्रमण कर रातों-रात दो पक्की दुकानों का निर्माण कर लिया। मामले की जानकारी होने पर ग्रामीणों ने अतिक्रमण की शिकायत सीएम पोर्टल पर डाल दी। सरकारी निर्देशानुसार गिरवरपुरा पटवारी ने अतिक्रमी को सात दिवस के भीतर अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी किया था। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों का कहना रहा कि अजमेर-कोटा हाइवे किनारे स्थित सरकारी कार्यालय के लिए आरक्षित बेशकीमती जमीन पर आबकारी विभाग ने शराब ठेका शुरू करने की अनुमति बिना राजस्व रिकॉर्ड का सत्यापन किए बगैर कैसे दे दी। वहीं प्रशासन ने मौके से पक्के निर्माण को तो ध्वस्त कर दिया। लेकिन अनुज्ञाधारी ने कन्टेनर में शराब की दुकान शुरू कर दी। जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
