Monday, January 20, 2025
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सवा घण्टे तक लड़ी जिन्दगी की जंग, सकुशल बाहर निकला तो लोगों ने लगाए जयकारे…

केकड़ी. नीरज जैन लोढ़ा (आदित्य न्यूज नेटवर्क) हादसे हमेशा दर्द देते है। शुक्रवार को यहां अजमेर रोड पर हुए हादसे में भी आमीन खिलजी के हंसते—खेलते परिवार की खुशियों ग्रहण लग गया। लेकिन मलबे में दबे खाईगढ़ निवासी मुन्ना ने सवा घण्टे तक चले संघर्ष के बाद सकुशल बाहर आकर मानों जिन्दगी की जंग ही जीत ली। यहां अजमेर रोड पर ढहे तीन मंजिला निर्माणाधीन भवन की निचली मंजिल में बैल्डिंग का कार्य कर रहे पुरानी केकड़ी स्थित खाईगढ़ निवासी मुन्ना व आमीन मलबे के नीचे दब गए थे। हादसे में जहां आमीन की मौत हो गई। वहीं मुन्ना सकुशल बच गया। फिलहाल वह राजकीय चिकित्सालय में भर्ती है और सेहत में सुधार का इंतजार कर रहा है।

मलबे से बाहर निकालने के बाद मुन्ना को स्ट्रेचर पर लेकर जाते बचाव कार्य में जुटे लोग।

हादसे में सकुशल बचे मुन्ना पुत्र कमाल खान ने बताया कि मेहरूकलां हाल केकड़ी निवासी मुन्ना मंसूरी व वह रिश्ते में साडू है तथा वह पिछले कई सालों से मुन्ना मंसूरी की दुकान पर बैल्डिंग का कार्य कर रहा है। हादसे के कुछ समय पहले वह नमाज पढ़ने जाने वाला था, लेकिन इसी दौरान दुकान पर आए किसी व्यक्ति से बात करने में थोड़ी देर लग गई। इस दौरान वहां आमीन भी कार्य कर रहा था। मुन्ना ने बताया कि दुकान में कुल 6 जने कार्य करते है। जिनमे से अधिकतर दो जने काम के सिलसिले में बाहर रहते है तथा चार जने हर समय दुकान पर रहते है। शुक्रवार को सरवाड़ निवासी राजू व शफीक लाम्बाहरिसिंह एवं भट्टा बस्ती निवासी अकबर व असलम कोटा रोड पर चल रही साइट पर कार्य करने गए हुए थे। ऐसे में वह तथा आमीन ही मौके पर थे।

​निर्माणाधीन भवन का मालिक मुन्ना मंसूरी।

मुन्ना ने बताया कि शुक्रवार को ही तीसरी मंजिल पर आरसीसी की छत डालने का कार्य कराया जा रहा था। इस कार्य में कोहड़ा, पारा व गुलगांव के लगभग 30 महिला—पुरुष मजदूर जुटे हुए थे। लगभग साढ़े बारह बजे पानी के टैंक में पानी खतम हो गया। पानी का टैंकर आने में समय लगा तो लेबर ने लंच टाइम की छुट्टी कर दी। इस दौरान तीन—चार कारीगर छत पर कार्य कर रहे थे। मुन्ना ने बताया कि लगभग एक बजकर 5 मिनट पर तेज धमाके के साथ अचानक पिलर व छत नीचे आकर गिर गई। छत नीचे गिरने लगी तो वह दीवार की तरफ चला गया व दीवार से चिपक कर खड़ा हो गया। दीवार की तरफ खड़े होने के बावजूद पत्थर व ईंटों की चपेट में आने से खुद को बचा नहीं सका। उसके सिर व सीने पर चोटें आई।

हादसे के बाद मौके पर मौजूद उपखण्ड अधिकारी विकास पंचोली, एएसपी घनश्याम शर्मा एवं डीएसपी खींवसिंह राठौड़।

इसी दौरान एक पिलर आमीन की पीठ पर गिरा तथा दूसरा पिलर आमीन के पैर पर गिर गया। उसने आमीन की तरफ जाने का प्रयास किया, लेकिन धूल के गुबार में कुछ नजर नहीं आया। इसके बाद बाहर की तरफ चीख—पुकार मचना शुरु हो गई। धूल का गुबार नीचे बैठा तो मुख्य रास्ते व पीछे की तरफ के रास्ते पर उसे उजाला नजर आया। उसका खुद का फोन हैंगर पर लटकी शर्ट की जेब में रखा हुआ था। तभी आमीन के फोन की घण्टी बची। आमीन के पैर व पीठ पर पिलर गिरा होने के कारण वह फोन उठाने की स्थिति में नहीं था। हिम्मत बटोर कर थोड़ी सी जगह में खिसकता हुआ वह आमीन के पास पहुंचा और फोन उठाकर बात की। फोन पर दूसरी तरफ दुकान मालिक मुन्ना मंसूरी था। उसने उसे सकुशलता के समाचार दिए तथा बचाव अभियान बेहद सावधानी से चलाने की बात कही। थोड़ी देर बाद उपर की तरफ से आ रहे उजाले में लोगों की हलचल दिखाई देने लगी। उसने बचाव कार्य में जुटे लोगों को हाथ हिलाकर खुद के बारे में बताया।

इसके बाद बचाव कार्य में लगे लोगों व मशीनों से उस हिस्से को हटाना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद उसके उपर ईंटे गिरने लगी तो उसने उन्हें ईंटे हटाने के लिए मना कर दिया। इसके बाद थोड़ी सी जगह में बमुश्किल रास्ता बनाया और बाहर की तरफ हाथ बढ़ाया। वहां मौजूद लोगों ने हाथ पकड़कर उसे उपर की तरफ खींच लिया। बाहर निकला जब तक मुन्ना पूरी तरह होश हवास में था। लेकिन बाहर आते ही घबराहट के कारण अचेत हो गया। मुन्ना के बाहर निकलते ही लोगों ने जयकारे लगाना शुरु कर दिए। मुन्ना ने बताया कि बाहर निकलने से पहले उसने एकबार फिर आमीन को पिलर के नीचे से खींचने का प्रयास किया। लेकिन वह नाकाम रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मुन्ना पूरे सवा घण्टे तक जिन्दगी व मौत से जंग लड़ता रहा और आखिरकार उसने जिन्दगी की जंग जीत ली और सकुशल बाहर आ गया। मुन्ना का मानना रहा कि वह सच्चे दिल से अल्लाहताला की इबादत करता है तथा इसी कारण वह सकुशल वापस लौट सका है।

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