केकड़ी, 28 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): सकल जैन समाज की ओर से गुरुवार को अनंत चतुर्दशी का पर्व विविध कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। शाम को चन्द्रप्रभु जैन चैत्यालय, आदिनाथ मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर, नेमिनाथ मंदिर, शांतिनाथ मंदिर, ऋषभदेव जिनालय व मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन मंदिरों में कलशाभिषेक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जैन श्रद्धालुओं ने जुलूस निकाला व सभी मंदिरों में आयोजित कलशाभिषेक कार्यक्रमों में भाग लिया। श्रावक-श्राविकाओं ने अष्ट द्रव्यों से श्रीजी की पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
पर्व के महत्व पर डाला प्रकाश चन्द्रप्रभु जैन चैत्यालय में प्रवचन करते हुए दिगम्बर जैन मुनि सुश्रुत सागर महाराज ने पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दशलक्षण पर्व आत्म विशुद्धि का पर्व है। इस दौरान मिथ्यात्म का त्याग एवं पापों का विसर्जन करने का अवसर प्राप्त होता है। जैन धर्म तप, त्याग व साधना प्रधान धर्म है। इस दौरान श्रावक श्राविकाओं ने उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की अराधना की। प्रवक्ता नरेश जैन ने बताया कि प्रवचन से पहले चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन एवं मुनिश्री के पाद प्रक्षालन का लाभ कैलाश चंद अभिषेक कुमार अनंत कुमार पाण्ड्या परिवार ने प्राप्त किया।