केकड़ी, 25 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दिगम्बर जैन मुनि सुश्रुत सागर महाराज ने कहा कि अन्न का एक-एक कण कीमती है। हर व्यक्ति को अन्न और पानी का उपयोग सोच समझकर करना चाहिए। वे देवगांव गेट के समीप स्थित चन्द्रप्रभु जैन चैत्यालय में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अन्न के एक भी कण का अपमान, अनादर नहीं होना चाहिए। प्रकृति को भी अन्न, जल के अनावश्यक रूप से नष्ट होने पर दर्द होता है।
रहन सहन में नहीं होना चाहिए घमण्ड उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक धनराशि हमारे भावों में परिवर्तन कर देती है। भावों में एवं रहन सहन में मान एवं घमण्ड नहीं होना चाहिए। प्रवचन सभा की शुरुआत में प्रवीण चंद, मयंक कुमार कासलीवाल जूनियां वालों ने आचार्य विद्यासागर महाराज एवं आचार्य सुनील सागर महाराज के चित्र का अनावरण किया। दीप प्रज्ज्वलन एवं मुनि सुश्रुत सागर महाराज के पाद प्रक्षालन करने का लाभ भी कासलीवाल परिवार को प्राप्त हुआ।
अन्न का एक—एक कण कीमती, सोच समझकर करना चाहिए उपयोग
