केकड़ी, 18 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): रूहानियत और इन्सानियत से ही हम पूर्ण इन्सान बन सकते है। ये उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा ने 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का विधिवत शुभारंभ करते हुए मानवता के नाम संदेश में व्यक्त किए। यह चार दिवसीय समागम निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) के विशाल मैदानों में आयोजित किया गया है। जिसमें देश एवं दूर देशों से समाज के विभिन्न स्तरों के श्रद्धालु भक्त एवं प्रभु प्रेमी सज्जन लाखों की संख्या मे सम्मिलित हुए हैं। केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक कुमार रंगवानी के अनुसार सतगुरु माता ने अपने संदेश में कहा कि लगभग दो वर्ष बाद देश विदेश के भक्तजन व संतजन एकत्रित हुए है, क्योंकि कोविड महामारी के दौरान इन्सान का इन्सान से मिलना-जुलना सम्भव नहीं हो पा रहा था।
केकड़ी क्षेत्र के श्रद्धालु भी हुए शामिल केकड़ी मीडिया सहायक राम चन्द टहलानी ने बताया कि समागम में केकड़ी गुलगांव एवं टांकावास के लगभग 400 श्रद्धालु भक्त भाग ले रहे हैं। केकड़ी सेवादल इंचार्ज लक्ष्मण धनजानी ने बताया कि निरंकारी संत समागम के इतिहास में ऐसा प्रथम बार हुआ कि जब एक पूरा दिन सेवादल को समर्पित किया गया। सेवादल रैली के दौरान शारीरिक व्यायाम, खेलकूद, मानवीय मीनार एवं मल्लखंब जैसे करतब दिखाए गए। इसके अतिरिक्त वक्ताओं, गीतकारों एवं कवियों ने समागम के मुख्य विषय रूहानियत एवं इन्सानियत पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। जिसमें व्याख्यान, कविताएं, सम्पूर्ण अवतार बाणी के पावन शब्दों का गायन, समूह गीत एवं लघु नाटिकाओं का सुंदर समावेश था।
इन्सान बनने के लिए रूहानियत और इन्सानियत जरुरी, 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का हुआ भव्य शुभारम्भ
