Saturday, March 15, 2025
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करोड़ों का कारोबार छोड़ जैन मुनि बनेंगे 72 वर्षीय शांतिलाल गुलेच्छा, केकड़ी में 28 नवम्बर को होगा दीक्षा का विधान

केकड़ी, 24 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दुर्लभ है दर्शन दीक्षा का यह किसको नसीब होता है, यह जिसके करीब होता है वो बड़ा खुशनसीब होता है…। ऐसे ही खुशनसीब है फलौदी हाल चैन्नई निवासी दीक्षार्थी शांतिलाल गुलेच्छा, जिनके जीवन की दिशा 28 नवम्बर 2022 को बदल जाएगी। जब वे 72 वर्ष की आयु में सांसारिक मोहमाया के भंवर जाल से निकल कर संयम पथ पर आत्मानुशाषित जीवन जीने के लिए केकड़ी में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण करेंगे।

बचपन में मिले धार्मिक संस्कार कस्तूर चन्द गुलेच्छा व मातुश्री छोटा बाई गुलेच्छा के पुत्र शांतिलाल गुलेच्छा को बचपन में माता—पिता से मिले धार्मिक संस्कार आज उनके जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। एक जनवरी 1951 को जन्मे शांतिलाल गुलेच्छा के मन में लगभग एक वर्ष पूर्व पल्लवित हुआ संयम पथ का वही बीज आज वृक्ष बनकर सकल जैन समाज की शोभा में अभिवृद्धि करने जा रहा है।

केकड़ी: मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा की फाइल फोटो।

बेहद संयमित जीवन जीते है गुलेच्छा पिछले एक साल से खरतरगच्छ आचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज की निश्रा में रहकर बेहद संयमित जीवन व्यतीत कर रहे गुलेच्छा ने कई तीर्थो के दर्शन व यात्राएं की है। ये अब तक उपद्यान तप, 15 बार वर्षीतप, आयंबिल, अठाई व वीस स्थानक तप आदि की तपस्याएं कर चुके है। पिछले 8 वर्ष से एक समय आहार ले रहे हैं। करीब 25 वर्षों से संतों के सान्निध्य में रह रहे मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा को खरतरगच्छ आचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज द्वारा 28 नवम्बर को दीक्षा प्रतिबोध दिया जाएगा।

कई मंदिरों का कराया निर्माण शांतिलाल गुलेच्छा ने कई जैन मंदिरों का निर्माण करवाया है। इसी के साथ इन्होंने प्रमुख मंदिरों में परमात्मा की प्रतिष्ठा, ध्वजा आदि का लाभ भी प्राप्त किया है। कहा जाता है कि मंदिर निर्माण की बारीकी के बारे में इनका कोई सानी नहीं है। गुलेच्छा का कहना रहा कि विश्व प्रेम प्रचारिका श्री विचक्षण श्रीजी महाराज साहिबा का उनके उपर विशेष उपकार है। उनकी प्रेरणा अतुलनीय है, वंदनीय है। हर शुभ कार्य की शुरुआत महाराज साहिबा का आशीर्वाद लेकर ही की है।
केकड़ी: देव प्रतिमा के समक्ष चंवर ढुलाते मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा।

परिवार में हर्ष की लहर मुमुक्षु गुलेच्छा के संयम पथ अंगीकार करने पर जहां परिवार में हर्ष है, वहीं परिवार के सदस्यों को बिछुडऩे का गम भी है। मुमुक्षु के परिवारजन का मानना है कि दुर्लभ मानव जीवन में पूर्व जन्म के संस्कारों से संयम पथ पर आरूढ़ होने का अवसर प्राप्त होता है। मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा ने बताया कि एक वर्ष पहले वे उज्जैन में कुशल मुनि के दर्शन करने गए थे। उस समय कुशल मुनि ने उन्हें वहां विराजित साध्वी विरतियशा के दर्शन करने के लिए कहा। दर्शन वन्दन के दौरान विरतियशा ने कहा कि जीवन में केवल 45 भव ऐसे मिलते है, जिसमे जीव मनुष्य के रूप में जन्म लेता है।
केकड़ी: धर्मसहायिका मंजू देवी के साथ मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा।

धर्मसहायिका ने भी किया प्रेरित इसमे से भी धर्म करने के लिए केवल 5 भव ही प्राप्त होते है और हो सकता है कि यह भव ही उनका आखिरी भव हो। गुलेच्छा ने बताया कि उसी समय उनके मन में दीक्षा के भाव जागृत हो गए। डाकलिया परिवार के 6 सदस्यों द्वारा एक साथ दीक्षा लेने के दौरान उनके भावों की पुष्टि हुई। इस बारे में जब उन्होंने अपनी पत्नी मंजूदेवी से बात की तो उन्होंने भी संयम जीवन अंगीकार करने के लिए प्रेरित किया।

छोड़ा करोड़ों का कारोबार फलौदी हाल चैन्नई निवासी शांतिलाल गुलेच्छा ग्रेनाइट के प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं। चैन्नई समेत नागपुर में करोड़ों रुपए का काराबोर है। परिवार में पत्नी, दो पुत्र व पुत्रवधु समेत भरापूरा परिवार है, लेकिन गुलेच्छा का मानना है कि जीवन मरण के बंधन से मुक्त होने का एक यही मार्ग है। इस कारण इस मार्ग को चुना है। यह सब पांच मिनट में तय हुआ। उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही साधु संतों के सान्निध्य में रहे हैं। संतों की शरण व भक्ति मार्ग से बढ़कर सुख नहीं है, इसे उन्होंने बेहद नजदीक से महसूस किया है।
केकड़ी: आदित्य न्यूज नेटवर्क के प्रधान संपादक नीरज लोढ़ा से बातचीत करते मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा।

27 नवम्बर को निकलेगा वर्षीदान का वरघोड़ा श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के तत्वावधान में इन दिनों बघेरा रोड स्थित दादाबाड़ी परिसर में नवनिर्मित शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के नूतन जिनालय में नौ दिवसीय अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव चल रहा है। महोत्सव के तहत 27 नवम्बर 2022 को दीक्षा कल्याणक के वरघोड़े के साथ मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा के वर्षीदान का भव्य वरघोड़ा भी निकाला जाएगा। जो नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए बघेरा रोड स्थित दादाबाड़ी पहुंचेगा। यहां विविध धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। दीक्षा का कार्यक्रम 28 नवम्बर को होगा।

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