Wednesday, March 12, 2025
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केकड़ी के पूर्व विधायक को न्यायालय ने सुनाई 3 साल की सजा, जुर्माना भी लगाया

केकड़ी, 24 मार्च (आदित्य न्यूज नेटवर्क): करीब 22 साल पहले अजमेर के तत्कालीन SP को थप्पड़ मारने के मामले में शुक्रवार को पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जज ने केकड़ी के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को 3 साल की सजा और 1 लाख 500 रुपए के जुर्माने से दंडित करने के आदेश दिए है। अभियोजन अधिकारी निर्मला कुमारी ने बताया कि शुक्रवार को 22 साल पहले अजमेर के तत्कालीन एसपी आलोक त्रिपाठी को थप्पड़ मारने के मामले में पीसीपीएनडीटी कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया। जज ने 20 गवाह और दस्तावेजों के आधार पर केकड़ी के पूर्व विधायक बाबूलाल सिंगारिया को 3 साल की सजा और 1 लाख 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। विभिन्न धाराओं में जज की ओर से यह फैसला सुनाया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में आखिरी गवाही तत्कालीन कलेक्टर उषा शर्मा की हुई थी।

क्या है मामला गत 30 जून 2001 को अजमेर कलेक्ट्रेट परिसर में जिला सतर्कता एवं जन अभियोग निराकरण समिति की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे। बाबूलाल सिंगारिया तब कांग्रेस में थे और केकड़ी सुरक्षित सीट से विधायक थे। बैठक में मौजूद पुलिस अधीक्षक आलोक त्रिपाठी व बाबूलाल सिंगारिया के बीच कुछ विवाद हुआ। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार सिंगारिया ने तैश में आकर पुलिस अधीक्षक आलोक त्रिपाठी के थप्पड़ जड़ दिया। मामले को लेकर काफी हंगामा भी हुआ। 22 साल से यह मामला अदालत में चल रहा है। घटना के समय उषा शर्मा अजमेर जिला कलेक्टर थी, जो वर्तमान में मुख्य सचिव है।

कांग्रेस ने किया था निलंबित 2001 में अशोक गहलोत कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री थे। घटना के समय गहलोत पाली के एक कार्यक्रम में व्यस्त थे। लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने घटना की सूचना तत्काल सीएम गहलोत को दी। कार्यक्रम से ही गहलोत ने एसपी त्रिपाठी से बात की। सीएम भी चाहते थे कि ज्यादा बवाल नहीं हो, ऐसे में सिंगारिया को कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया। तब सिंगारिया के विरुद्ध सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में त्रिपाठी आईपीएस की सेवा से पुलिस महानिदेशक (एसीबी) के पद से रिटायर हो गए।

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