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गुड न्यूजः बीसलपुर में छाया है हर्ष अपार… छठी बार खुला खुशियों का द्वार… आशा और उम्मीदों का सागर लबालब होने से लाखों लोग है खुशी से सरोबार…

केकड़ीः बीसलपुर बांध भरने के बाद दो गेट से होती अधिशेष पानी की निकासी।

केकड़ी, 26 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): क्षेत्र के बीसलपुर बांध में आखिरकार खुशियों के द्वार खोल दिए गए। शुक्रवार सुबह करीब 7 बजे बांध ने अपनी पूर्ण भराव क्षमता का उच्चतम शिखर छू लिया। बीसलपुर बांध राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना है। बांध की कुल भराव क्षमता आरएल 315.50 मीटर है। बांध लबालब होने के साथ ही जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारियों ने तकनीकी जांच के बाद बड़ा फैसला लेते हुए दो गेट खोलकर अधिशेष पानी की निकासी शुरु कर दी है। इस मौके पर जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने डैम के कंट्रोल रूम में विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद डैम के दो गेट खोल कर पानी की निकासी शुरु की। यह दृश्य देखने के लिए सुबह भी काफी संख्या में लोग बीसलपुर डैम क्षेत्र पर एकत्र हो गए।

केकड़ीः बीसलपुर बांध का जायजा लेती टोंक जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल।

कई जिलों की टिकी थी नजर गौरतलब है कि प्रदेश की राजधानी जयपुर, अजमेर, टोंक, ब्यावर समेत बड़े नगरों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध पर कई जिलों की नजर टिकी हुई थी। सुबह 6 बजे करीब बांध का जलस्तर सेकंड लास्ट पोजीशन आरएल 315.49 मीटर पहुंच गया। उधर, गेट खोले जाने की सतर्कता को लेकर 6 बजे से डैम से चेतावनी साइलेंट बजा दिए गए। हर मिनट में बज रहे चेतावनी सायरन के माध्यम से डाउनस्ट्रीम के लोगों को नदी से दूर जाने के लिए आगाह किया गया। उल्लेखनीय है कि 38.7 टीएमसी क्षमता वाले बांध में 16.2 टीएमसी पानी को पेयजल के लिए आरक्षित रखा जाता है। जबकि 8 टीएमसी पानी सिंचाई के लिए रिजर्व है। बीसलपुर बांध की दांई मुख्य नहर 51.64 किलोमीटर लंबी है। जिससे 218 गांव के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलती है। वही बाईं मुख्य नहर 18. 65 किलोमीटर लंबी है। जिससे 38 गांव सिंचित होते हैं। इस दौरान जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल, अधीक्षण अभियंता वीएस सागर, अधिशासी अभियंता मनीष बंसल समेत अनेक अधिकारी मौजूद रहे।


बांध की कैद से आजाद हुआ पानी जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने ज्योंहि बटन दबाकर अधिशेष पानी के निकास की शुरुआत की। लबालब भरे बीसलपुर बांध के गेट से पानी निकल पड़ा। पानी निकलने का यह दृश्य काफी विशाल दिखाई दिया। वही गेट से मुक्त हुई जलराशि सरपट बनास में दौड़ पड़ी। पानी की बौछार काफी ऊंचाई तक जा रही थी। उक्त नजारे को कैद करने के लिए डैम पर काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान उपखंड अधिकारी भारत भूषण गोयल, पुलिस उप अधीक्षक सुरेश कुमार, थाना प्रभारी जगदीश प्रसाद समेत अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। उधर व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे। बीसलपुर बांध परियोजना के सहायक अभियंता प्रतीक चौधरी के अनुसार गेट संख्या 9 व 10 के माध्यम से 6010 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। बीसलपुर बांध की भराव क्षमता 315.50 मीटर को रखते हुए अधिशेष पानी को निकालने का क्रम शुरु किया गया है। इस समय त्रिवेणी का गेज 3.80 मीटर, डाई का गेज 2.75 मीटर एवं खारी का गेज 0.55 मीटर चल रहा है। बांध में जितने पानी की आवक आ रही है, उसी के अनुसार पानी बाहर निकाला जाएगा। पानी की आवक बंद होने के बाद बांध के गेट बंद कर दिए जाएंगे।
केकड़ीः बीसलपुर बांध के गेट खुलने के बाद तेज गति से बहता अधिशेष पानी।

पहले 5 बार भर चुका है बांध गौरतलब है कि बीसलपुर बांध का पूरा निर्माण वर्ष 1999 में हुआ। इसके बाद यह बांध पहली बार वर्ष 2004 में भरा। वही इसके दो वर्ष बाद 2006, इसके बाद 2014, 2016 व अंतिम 2019 में बांध पूर्ण भराव पहुंचा था। इन वर्षों में बांध के गेट खोलकर अधिशेष पानी की निकासी की गई थी। उल्लेखनीय है कि कई जिलों से बीसलपुर बांध में पानी की आवक होती है। इन में मुख्यता भीलवाड़ा, चित्तौड़ है। इसके अलावा अजमेर, प्रतापगढ़, टोंक भी इनमें शामिल है। इससे पहले गुरुवार को त्रिवेणी पर पानी की आवक काफी कम होने से बांध पूर्ण क्षमता पर नहीं पहुंचा था।
केकड़ीः बीसलपुर बांध भरने के बाद दो गेट से होती अधिशेष पानी की निकासी।

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