Thursday, May 1, 2025
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गोशाला की भूमि से अतिक्रमण हटाने पर आक्रोशित हुए ग्रामीण, पंचायत भवन पर ताला जड़ कर जताया विरोध

केकड़ी, 15 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): उपखण्ड के ग्राम धून्धरी में गौशाला की भूमि पर जेसीबी चलाकर अतिक्रमण हटाने के मामले में शुक्रवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित ग्रामीणों ने पंचायत भवन पर ताला लगा दिया तथा सरपंच के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान ग्रामीण पंचायत भवन के बाहर धरने पर बैठ गए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया। गौरतलब है कि धून्धरी में 35 लाख रुपए की लागत से श्रमिक विश्राम गृह का निर्माण किया जाना है। धून्धरी सरपंच मुन्नीदेवी सिवायचक भूमि पर बनी गौशाला के स्थान पर सामुदायिक भवन बनवाना चाहती है। इसी को लेकर गुरुवार को तहसीलदार व पुलिस बल की मौजूदगी में गौशाला की जगह पर जेसीबी चलाकर वहां हो रखी तारबंदी को तोड़ दिया गया तथा वहां रखे चारे को हटवा दिया गया। गोशाला के लिए रखे चारे को हटाने तथा गायों की सुरक्षा के लिए हो रखी तारबंदी को हटाने का पता चलते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार को सुबह ग्राम पंचायत भवन के बाहर ताला लगा दिया तथा धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। तालाबंदी की सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारी विकास पंचोली, तहसीलदार राहुल पारीक, विकास अधिकारी मधुसूदन रत्नू, सिटी थानाधिकारी सुधीर कुमार उपाध्याय, सदर थानाधिकारी राजेश मीणा मय पुलिस जाब्ते के धून्धरी पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरपंच अपने निजी स्वार्थ के लिए गौशाला की जगह श्रमिक विश्राम गृह का निर्माण करवाना चाहती है। जबकि भवन का निर्माण गांव में कराया जाना चाहिए। गांव में भवन के बनने से वह ग्रामीणों के काम आ सकेगा। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने सरपंच मुन्नी देवी को भी मौके पर बुला लिया और समस्या का समाधान करने की बात कही। लेकिन सरपंच ने गोशाला के पास ही श्रमिक विश्राम गृह बनाने की बात कही। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा और ज्यादा भड़क गया। एकबारगी तो माहौल काफी गरमा गया। पुलिस व प्रशासन ने ग्रामीणों को बमुश्किल शांत कराया। ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन ने गांव में ही श्रमिक विश्राम गृह बनाने के लिए आश्वस्त किया। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हो गया। बाद में ग्रामीणों ने पंचायत पर लगे ताले खोल दिए तथा धरना समाप्त कर दिया।

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