केकड़ी, 16 दिसम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): सुप्रसिद्ध हास्य कवि दिवंगत सुरेन्द्र दुबे की चतुर्थ पुण्य तिथि पर स्मृति संस्थान के तत्वावधान में शुक्रवार को अजमेर रोड स्थित एमएलडी बीएड कॉलेज में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। देश भर से आए प्रमुख कवियों ने बेहतरीन रचनाओं के शब्द सुमन अर्पित कर कवि सम्मेलन को यादगार बना दिया। कवि सम्मेलन की शुरूआत शाहपुरा के सत्येन्द्र मण्डेला ने सरस्वती वंदना से की। शुरुआत में संस्थान के चन्द्रप्रकाश दुबे, डॉ. अविनाश दुबे, अनिरूद्ध दुबे सहित अन्य ने कवियों एवं अतिथियों का अभिनन्दन किया।
दुबे को समर्पित की काव्यांजलि कवि सम्मेलन में राजगढ़ धाम के मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज, राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के सदस्य राजेन्द्र भट्ट, उपखण्ड अधिकारी केकड़ी विकास पंचोली, पुलिस उप अधीक्षक खींवसिंह राठौड़, पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू व सांस्कृतिक मंच नई दिल्ली के महासचिव हरिप्रकाश पाण्डेय बतौर अतिथि मौजूद रहे। इस दौरान स्टार कवियित्री डॉ कीर्ति काले ने बिना तुम्हारे शहर तुम्हारा फीका फीका लगा मुझे…, चले गए हो जब से साथी और अधिक ही निखर गए…, शहर गुलाबी नहीं सृष्टि के कण कण में तुम बिखर गए… एवं मर सकती है देह मगर कवि कभी नहीं मर सकता… समेत कई कविताएं सुनाकर भाव विभोर कर दिया।
पिता को किया याद कवि ईशान दुबे ने अपने पिता स्वर्गीय सुरेन्द्र दुबे द्वारा लिखित चेहरे की चमक जो तुने चांद को उधार दी चांद ने उसी चमक से चांदनी सवांर दी… समेत अन्य कविताएं सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। इस मौके पर कवि हरीश चतुर्वेदी आगरा, कवि आर.एल. दीपक मालपुरा, कमल माहेश्वरी अंराई, अशोक सेवदा डीडवाना, महबूब अली महबूब पचेवर, सुरेन्द्र पडोसी जयपुर, शिव तूफान ब्यावर व सत्येन्द्र मण्डेला शाहपुरा ने भी अपनी काव्य रचनाओं से गुदगुदाया। संचालन पेरोडी गीतकार डॉ कैलाश मण्डेला ने किया। इन्होनें एक से बढ़कर एक पैराडी सुनाकर श्रोताओ को मंत्र मुग्ध कर दिया।
