केकड़ी, 17 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): जैन धर्म का महापर्व पर्युषण पर्व नगर में त्याग, तप, पूजा, अर्चना, श्रद्धा व भक्ति भाव के साथ हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान स्नात्र पूजा, बड़ी पूजा, रात्रि भक्ति सहित कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। पर्युषण पर्व के पांचवे दिन गुरुवार को कल्प सूत्र में भगवान महावीर के जन्म कल्याणक के प्रसंग का वांचन आने पर सब्जी मण्डी स्थित चन्द्रप्रभु मन्दिर में विशेष आयोजन कर उत्सव मनाया गया। भजन गायकों ने प्यारा है लालना…, बहारों फूल बरसाओं प्रभु महावीर जन्मे है…, बोलो जय जयकार…, मेरू गिरी ले जाए तेरे लाल को हम मां जल्दी से दे दो लाल को मत देर करो मां दे दो मां त्रिशला…, बजे कुण्डलपुर में बधाई कि नगरी में वीर जन्मे… सहित अन्य भजन प्रस्तुत कर उपस्थित श्रद्धालुओं को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।
केकड़ीः पर्युषण पर्व पर निकाली गई पालने की शोभायात्रा में शामिल लोग।
लगाई चौदह स्वपनों की बोलियां इस दौरान त्रिशला माता को आए चौदह स्वप्नो की बोलियां लगाई गई। बोलियां लेने वाले भाग्यशालियों ने स्वप्न अवतरण का लाभ लिया। जन्म कल्याणक प्रसंग का वांचन करने के बाद भगवान महावीर के चित्र को चांदी के पालने में सजाकर विशाल जुलूस निकाला गया। जुलूस में महिलाएं चौदह स्वप्नो को सिर पर धारण कर चल रही थी। इस दौरान युवाओं, बच्चों व महिलाओं ने नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सब्जी मण्डी स्थित चन्द्रप्रभु मंदिर एवं बघेरा रोड स्थित शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर व दादाबाड़ी में जिनेन्द्र प्रतिमाओं की भव्य आंगी रचना की गई व मंदिर परिसर को चित्ताकर्षक ढंग से सजाया गया।