टोडारायसिंह, 09 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राज्य सरकार की ओर से नवसृजित केकड़ी जिले में शामिल करने का विरोध जताते हुए शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम उपखण्ड प्रशासन को अलग-अलग ज्ञापन सौंपा। तहसीलदार धर्मेन्द्र मीणा को सौंपे ज्ञापन में बताया कि टोडारायसिंह शहर टोंक जिले की प्रमुख तहसीलों में शुमार है। यहां बीसलपुर बांध होने के साथ हाडीरानी कुण्ड समेत प्राचीन धरोहर की खान है। प्राचीन रियासतकाल से टोडारायसिंह न केवल विभिन्न शासनों में राजधानी रहा बल्कि टोडारायसिंह का अपना स्वतंत्र अस्तित्व रहा है। यहां की सांस्कृतिक एवं बौद्धिक विरासत टोंक एवं जयपुर से मिलती है। ढूंढाडी संस्कृति को अजयमेरू संस्कृति में जोड़ा जाना गलत है।
जयपुर व टोंक से है सीधा जुड़ाव ज्ञापन देने आए लोगों का कहना रहा कि यहां का व्यापारिक, औद्योगिक सम्बन्ध तथा परिवहन जयपुर और टोंक से जुड़ा हुआ है। उन्होंने केकड़ी जिले में शामिल करने का विरोध जताते हुए टोडारायसिंह को टोंक में यथावत रखने की मांग की। इस दौरान पूर्व पालिकाध्यक्ष संतकुमार जैन, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष भरतलाल सैनी, खाद्य व्यापार संघ अध्यक्ष अशोक झण्डा, लोकेश जैन, रामदेव साहू, अनिल शर्मा, हंसराज गुर्जर, विट्ठल पाटीदार, सुनील भारत, करुनानिधी शर्मा, पार्षद श्याम सुंदर, विनोद महावर, भागचंद सैनी, अनुज जैन, रवि सोगाणी, संग्राम सिंह, संजय जैन, रतन पांचाल, सुरेश जग्रवाल, जगदीश गुर्जर, बजरंग लाल जाट, गिरीराज प्रसाद शर्मा, ललित जैन, रामप्रसाद सैनी समेत अन्य शहरवासी मौजूद थे।
टोडारायसिंह: नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते ग्रामीण।
आंदोलन की दी चेतावनी टोडारायसिंह को टोंक जिले में यथावत रखने या टोडारायसिंह को जिला बनाने की मांग को लेकर किसान नेता रतन खोखर की अगुवाई में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार जीवनलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपा। टोडारायसिंह को नवसृजित केकड़ी जिले में शामिल करने का विरोध जताते हुए बताया कि टोडारायसिंह क्षेत्र में प्रदेश के चार जिलों को प्यास बुझाने वाला बीसलपुर बांध है। पवित्र गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर व प्राचीन धरोहर होने के साथ चहुंओर दृष्टि से जिला बनने योग्य है। उन्होंने टोडारायसिंह को यथावत टोंक में रखने या टोडारायसिंह को जिला बनाने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।