केकड़ी, 06 जनवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): शादी का झांसा देकर बलात्कार करने के मामले में न्यायालय ने एक आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने के आदेश दिए है। अधिवक्ता मनोज आहूजा ने बताया कि गत 29 नवंबर 2018 को महिला ने भिनाय थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी शादी 2008 में हुई थी लेकिन उसके पति ने उसे तलाक दे दिया। बाद में वह अपनी मां के साथ रहने लगी। इस दौरान उसकी एक सहेली ने भिनाय निवासी रुचिर दवे पुत्र देवेंद्र जाति ब्राह्मण से उसकी मुलाकात करवाई।
कई बार बनाए अनैतिक संबंध मुलाकात के कुछ दिनों बाद आरोपी रुचिर दवे ने प्रेम विवाह का झांसा देकर उसके साथ अनैतिक सम्बन्ध बना लिए। मना करने पर उसके साथ मारपीट की तथा चांदी की पायजेब, सोने की झूमकी व गले का लॉकेट छीन लिया। आरोपी ने उसके साथ शादी का झांसा देकर कई बार अनैतिक कृत्य किया तथा अब वह उसे अज्ञात स्थान पर ले जाकर मारना चाहता है। उक्त रिपोर्ट पर पुलिस ने बाद अनुसन्धान आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 व 420 में चार्जशीट प्रस्तुत की।
बचाव पक्ष ने प्रस्तुत किए विविध तर्क सुनवाई के दौरान आरोपी रुचिर दवे की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता मनोज आहूजा एवं भैरूसिंह राठौड़ ने तर्क दिया कि अभियोजन अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित करने में विफल रहा है तथा अभियोत्री ने अभियोजन की कहानी का समर्थन नहीं किया है। बल्कि उसने कहा कि उसने आरोपी से शादी कर ली है तथा परिवार के दबाव में आकर उसने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। बचाव पक्ष के तर्को से सहमत होते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट केकड़ी संख्या दो ने आरोपी को संदेह का लाभ देकर दोष मुक्त करने के आदेश पारित किए है।
तलाकशुदा को शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का मामला, न्यायालय ने आरोपी को किया बरी

प्रतीकात्मक फोटो