केकड़ी, 14 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): आदमी दावे तो चांद और मंगल पर पहुंचने के कर रहा है लेकिन केकड़ी क्षेत्र में आज भी परंपरा और अंधविश्वास ने गहरी जड़े जमाई हुई है। श्रद्धा और उमंग से जुड़े दीपावली के पावन त्यौहार का मजा केकड़ी में एक बार फिर उद्ण्डी व समाजकंटको की बेजा हरकतो से प्रभावित रहा। घातक व तेज आवाज के पटाखों पर प्रतिबन्ध होने के बावजूद गोवर्धन के दिन केकड़ी के बाजारों में पटाखों का जमकर तांडव मचा।
पटाखों से झुलसे दो युवक अजमेर रैफर आतिशबाजी के दौरान 100 से अधिक युवा व बच्चे झुलस गए। पटाखाबाजी में झुलसे देवगांव गेट केकड़ी निवासी गिरिराज कंजर एवं राजपुरा निवासी किशन भील को राजकीय जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद अजमेर रेफर कर दिया गया। पटाखाबाजी में झुलसे 5—6 अन्य का केकड़ी में ही भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। वहीं अधिकतर को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
केकड़ी: पटाखों की बारिश के दौरान घास भैरू के समीप मौजूद नवयुवक।
बेखौफ नजर आए युवा घास भैरूं की सवारी के दौरान पुलिस का खौफ कहीं नजर नहीं आया। इस बार प्रशासन व पुलिस ने नरमी का रूख अपना रखा था। जिसके कारण सुबह जल्दी ही पटाखों का तांडव शुरु हो गया। घास भैरू की सवारी के दौरान पटाखा युद्ध परवान पर पहुंच गया। इस दौरान जमकर पटाखाबाजी हुई। युवा वर्ग ने मानो पटाखों की बरसात ही कर दी।
जमकर फेंके पटाखे उद्दण्डी युवक पटाखों को जला कर एक दूसरे पर फेंकते रहे। चारों ओर पटाखों की तेज आवाज, धुआं व कोलाहल नजर आ रहा था। सीएलजी एवं शांति समिति की बैठक के माध्यम से प्रशासन की ओर से की गई तमाम कोशिशों पर इन उद्ण्डी युवाओं के मंसूबो ने पानी फेर दिया।
केकड़ी: अंगारों की बारिश के दौरान इधर उधर भागते युवक।
सवारी के दौरान तेज हुई पटाखाबाजी इस बार दीपावली के दिन धूम धडाका बेहद कम रहा। लेकिन गोवर्धन को दोपहर बाद ही पटाखों का ताण्डव शुरू हो गया। सदर बाजार से निकलने वाली घास भैरूं की सवारी से पहले पटाखे फेंकने का सिलसिला एकाएक तेज हो गया। जो सवारी निकलने तक लगातार जारी रहा। इस दौरान पुलिस एवं प्रशासन ने एक बार भी सख्ती दिखाने का प्रयास नहीं किया।