Thursday, May 1, 2025
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धूमधाम से भरा भगवान की शादी में मायरा, बहन ने किया राजतिलक , पार्श्वनाथ के जयकारों से गूंजा पाण्डाल

केकड़ी, 26 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ केकड़ी के तत्वावधान में आयोजित अंजनशलाका, प्रतिष्ठा एवं दीक्षा महोत्सव के दौरान शनिवार को पार्श्वनाथ भगवान का जन्म कल्याणक महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। खरतरगच्छ आचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा 13, साध्वी शुभदर्शना आदि ठाणा 03, साध्वी प्रभंजना आदि ठाणा 04 एवं साध्वी अतुलप्रभा आदि ठाणा 03 के पावन सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सुबह बघेरा रोड स्थित दादाबाड़ी परिसर में नवनिर्मित शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के नूतन जिनालय में बैंगलुरु के तुषार गुरुजी के दिशा निर्देशन में जन्म कल्याणक विधान एवं सज्जन शुभ बहु मण्डल की ओर से रत्नत्रय पूजन का आयोजन किया गया।

केकड़ी: अंजनशलाका, प्रतिष्ठा एवं दीक्षा महोत्सव के दौरान मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा को ओड़ी प्रदान करते आचार्य पीयूषसागर महाराज।

इसके बाद वाराणसी नगरी के राज मंच पर मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा ने आचार्यश्री, मुनि संघ एवं साध्वी मण्डल को आवश्यक उपकरण वोहराए। आचार्य पीयूषसागर, मुनि सम्यकरत्न सागर महाराज आदि ने ओड़ी सजाने का विधान किया। मुमुक्षु ने ओड़ी प्राप्त करते ही झूमना व नाचना शुरु कर दिया। मुमुक्षु के ओड़ी प्राप्त करते ही वाराणसी नगरी का भव्य पाण्डाल जयकारों से गूंज उठा।

इस दौरान सुप्रसिद्ध संगीतकार नरेन्द्र वाणीगोता निराला के निर्देशन में वाराणसी नगरी के राज मंच पर प्रियंवदा दासी द्वारा बधाई, भुआ—भूरोसा का आगमन, प्रभु का नामकरण विधान, बाल प्रभु का पालना झूलाना, सूर्य व चन्द्र दर्शन, प्रभु पाठशाला गमन, शिक्षक द्वारा प्रभु से क्षमायाचना, सगाई रस्म, मामा—मामी द्वारा मायरा आगमन, प्रभु बारात प्रस्थान, प्रभु पोखना विधि, लग्न फेरा, बारात विदाई, बहन द्वारा राजतिलक, राज पंडित द्वारा राज्याभिषेक, नवलोकांतिक देवों का आगमन व संयम ग्रहण करने की विनंती आदि कार्यक्रमों का जीवंत मंचन किया गया।

शाम को गांव सांझी एवं मेहन्दी वितरण का कार्यक्रम हुआ। शुक्रवार रात्रि को बैंगलुरु के विपिन पोरवाल ने भक्ति भावना प्रस्तुत की। संघ अध्यक्ष जितेन्द्र सिंघवी ने बताया कि रविवार को दीक्षा कल्याणक एवं दीक्षार्थी मुमुक्षु शांतिलाल गुलेच्छा के वर्षीदान का भव्य वरघोड़ा निकाला जाएगा। जो दादाबाड़ी परिसर पहुंच कर सम्पन्न होगा। वरघोड़े के बाद दीक्षा कल्याणक के विधान आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान चढ़ावे के आदेश भी दिए जाएगे।








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