केकड़ी, 21 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर की पोक्सो कोर्ट ने गुरुवार को 17 साल की नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में रिश्ते में लगने वाले मामा को 20 साल की सजा सुनाई है। इसी के साथ न्यायालय ने 24 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। सुनवाई के दौरान जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में नाबालिगों से बढ़ते अपराध को देखते हुए आरोपी के प्रति नरमी बरतना उचित नहीं है। पोक्सो कोर्ट संख्या 01 के विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि केकड़ी थाना पुलिस में 11 नवंबर 2020 को 17 वर्षीय नाबालिग के परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें बताया था कि 8 नवंबर 2020 को उनकी पुत्री टॉयलेट के लिए घर के बाहर गई थी और वह वापस नहीं लौटी। जिसकी गांव में तलाश भी की गई लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नाबालिग की तलाश शुरू कर दी।
मेडिकल एवं डीएनए रिपोर्ट से हुई दुष्कर्म की पुष्टि करीब 2 महीने 10 दिन बाद नाबालिग को अहमदाबाद से डिटेन किया गया। पीड़िता ने बयानों में अपने साथ रेप होने की वारदात का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए पीड़िता से रेप करने वाले रिश्ते में लगने वाले मामा को गिरफ्तार कर लिया। विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेन्द्र सिंह परिहार ने बताया कि गुरुवार को पोक्सो कोर्ट 01 के न्यायाधीश ने मामले में फैसला सुनाया। मेडिकल और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी रिश्ते में लगने वाले मामा को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 24 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है। मामले में 7 गवाह और 21 दस्तावेज पेश किए गए थे।
नाबालिग बालिका के साथ बिना सहमति संबंध बनाना गंभीर अपराध जज ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी ने 18 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग बालिका को उसके माता-पिता की विधिक संरक्षता में से बिना अनुमति के ले जाने और नाबालिग बालिका को उसकी इच्छा के विरुद्ध अपहरण कर ले जाने तथा नाबालिग बालिका के साथ उसकी सहमति व अनुमति के बिना शारीरिक संबंध स्थापित किए जाने का गंभीर अपराध किया है। आरोपी को पीड़िता की मां राखी बांधा करती थी। जिसका भी आरोपी ने लिहाज नहीं रखा। आरोपी ने भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की मर्यादा को तार-तार किया है। देश में नाबालिग बालिकाओं के साथ बढ़ रही यौन उत्पीड़न व बलात्कार की घटनाओं को देखते हुए आरोपी के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी मामा को न्यायालय ने सुनाई 20 साल की सजा, जज बोले-आरोपी ने भाई-बहन के रिश्ते की मर्यादा को किया तार-तार
