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ना किसी की जीत, ना किसी की हार…, यही है लोक अदालत का मुख्य उपहार…

केकड़ी में राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान न्यायालय में मौजूद न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता एवं संबंधित पक्षकार।

केकड़ी, 14 मई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): लोक अदालत में न तो किसी पक्ष की हार होती है, ना ही किसी पक्ष की जीत। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए शनिवार को केकड़ी मुख्यालय स्थित न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसके तहत केकड़ी में कुल चार बैंचों का गठन किया गया। चारों बैंचों द्वारा आईपीसी, एनआई एक्ट एवं एमएसीटी के कुल 436 प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण  किया गया। इसी के साथ राजस्व संबंधी 7061 मामले भी निस्तारित किए गए। प्रथम बैंच में एडीजे द्वितीय कुन्तल जैन अध्यक्ष एवं अधिवक्ता नवल किशोर पारीक सदस्य, द्वितीय बैंच में एडीजे प्रथम अम्बिका सोनी अध्यक्ष एवं अधिवक्ता मुकेश गढ़वाल सदस्य एवं तृतीय बैंच में एसीजेएम द्वितीय कविता राणावत अध्यक्ष एवं अधिवक्ता सीताराम कुमावत सदस्य रहे। बैंच संख्या चार में केकड़ी एवं भिनाय उपखण्ड से संबंधित राजस्व मामलों का निस्तारण किया गया।

केकड़ी में राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान न्यायालय में मौजूद न्यायिक अधिकारी एवं अधिवक्ता।

बैंच संख्या 4 की अध्यक्षता एसीजेएम प्रथम युवराज सिंह ने की, यहां केकड़ी उपखण्ड अधिकारी विकास पंचोली व भिनाय उपखण्ड अधिकारी प्रभात त्रिपाठी सदस्य के रूप में उपस्थित रहे। बैंच संख्या एक में कुल 47 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। जिसमे 99.25 लाख रुपए के अवार्ड पारित किए गए। इसी के साथ प्री—लिटिगेशन के 24 प्रकरणों का निस्तारण कर 38.15 लाख रुपए के अवार्ड पारित किए गए। बैंच संख्या दो में कुल 43 प्रकरणों का निस्तारण किया। जिनमे 74.58 लाख रुपए के अवार्ड पारित किए गए। बैंच संख्या तीन में कुल 346 प्रकरणों का निस्तारण कर 82.92 लाख रुपए के अवॉर्ड पारित किए गए। राजस्व संबंधित प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए गठित चतुर्थ बैंच में भिनाय उपखण्ड से संबंधित 1467 प्रकरण एवं केकड़ी उपखण्ड से संबंधित 5594 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस मौके पर अधिवक्ता मनोज आहूजा, सुरेन्द्र सिंह, हेमन्त जैन, रामसिंह राठौड़, शैलेन्द्र सिंह राठौड़ एवं अन्य वकीलों व न्यायिक कर्मचारियों ने सहयोग किया।

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