केकड़ी, 20 मई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय केकड़ी कुन्तल जैन ने 3 लाख 19 हजार 400 रूपए की वसूली का दावा खारिज करने के आदेश दिए है। नायकी निवासी सुनीता बलाई ने न्यायालय में वाद पत्र पेश कर बताया था कि नन्दकिशोर पुत्र रामदेव बलाई निवासी पारा को घरेलु खर्च के लिए रुपए की आवश्यकता होने पर उससे 3 लाख 19 हजार 400 रुपए उधार लिए थे। जिसे 10 मई 2013 तक बिना ब्याज के लौटाने का वादा किया था। 27 अप्रेल 2013 को इस बाबत स्टाम्प पर एक इकरारनामा लिखा और हस्ताक्षर कर संभला दिया। नन्दकिशोर से तकाजा करने के बावजूद उसने सुनीता को रुपए अदा नहीं किए। नोटिस भेजा तो नन्दकिशोर ने उसका जवाब नहीं दिया। इसके बाद सुनीता ने 3 लाख 19 हजार 400 रुपए का न्यायालय में वाद पेश कर दिया।
सुनवाई के दौरान प्रतिवादी नन्दकिशोर के वकील आसीफ हुसैन ने जवाब दावा व दस्तावेजी साक्ष्य पेश कर बताया कि वादी सुनीता और उसके मध्य इकरारनामे को लिखते वक्त कोई लेनदेन नहीं हुआ। उसने इकरारनामे के निष्पादन के वक्त कोई पैसे प्राप्त नहीं किए। सुनीता के मृत पति मंशाराम से 2 अप्रेल 2011 को नन्दकिशोर ने 55 हजार रुपए उधार लिए थे और उसी का इकरारनामा किया गया था। बाद में सुनीता ने उसे डरा धमकाकर 27 अप्रेल 2013 को रिनिवल में गलत तरीके से 3 लाख 19 हजार 400 रूपए लिख दिए। प्रकरण की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश कुन्तल जैन ने एडवोकेट आसीफ हुसैन के तर्कों से सहमत होते हुए वादिया सुनीता को हस्तगत वाद में वांछित अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारिणी नहीं मानते हुए 3 लाख 19 हजार 400 रुपए के वसूली के दावे को अस्वीकार कर खारिज करने के आदेश दिए है।