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परमात्मा की सेवा याचक बनकर नहीं सेवक बनकर करनी चाहिए— जिन मणिप्रभ सूरि

मालपुरा दादाबाड़ी में प्रवेश करते खरतर गच्छाधिपति जिन मणिप्रभ सूरीशवर महाराज।

केकड़ी, 3 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): खरतरगच्छाधिपति जिन मणिप्रभ सूरीशवर महाराज ने कहा कि परमात्मा की सेवा याचक बनकर नहीं सेवक बनकर करनी चाहिए। परमात्मा तो स्वयं ही अंतर्यामी है। उन्हें आपके द्वारा की जा रही प्रार्थना का पहले से ही पता है। प्रभु के समक्ष हमेशा सेवा भाव से जाकर ही कार्य करना चाहिए। सेवा भावना से किए गए कार्य में ही ईश्वर की अनुकंपा प्राप्त होती है। याचक बनकर की गई प्रार्थना अपने स्वार्थ के लिए होती है।

मालपुरा दादाबाड़ी में प्रवचन करते खरतर गच्छाधिपति जिन मणिप्रभ सूरीशवर महाराज।

वे रविवार को मालपुरा स्थित जिन कुशल सुरी दादाबाड़ी में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनुष्य दुख के समय ही ईश्वर को याद करता है। यदि मनुष्य सुख हो या दुख हो, हर समय परमात्मा को याद करता रहे और उनकी सेवा करता रहे तो जीवन में आने वाले दुखों का निवारण स्वत ही होता जाएगा। उन्होंने कहा कि परमात्मा तक पहुंचने के लिए गुरु एक माध्यम होता है। जीवन में एक गुरु अवश्य होना चाहिए। जिससे मनुष्य अपने जीवन को परमात्मा तक पहुंचा सके।
मालपुरा दादाबाड़ी में प्रवचन के दौरान मौजूद श्रावक—श्राविकाएं।

समय-समय पर गुरु के बताए मार्ग पर चलकर परमात्मा को प्राप्त कर सके। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि मयूखप्रभ सागर महाराज ने कहा कि इस धरती पर जितने भी जीव है। उनका उद्धार करने का कार्य परमात्मा का है। जीव परमात्मा की भक्ति कर ही मोक्ष प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य सहित सभी जीव एक निश्चित काल के लिए धरती पर आते हैं। एक परमात्मा ही ऐसा है जो हमेशा अमर रहता है। मनुष्य जीवन 84 लाख योनियों में जीव भ्रमण करने के बाद प्राप्त होता है।
मालपुरा दादाबाड़ी में बड़ी पूजा करती श्राविकाएं।

इसे यूं ही व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए। एक मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो परमात्मा को प्राप्त कर सकता है। इसके लिए जीवन में गुरु का होना बहुत आवश्यक है। धर्मसभा से पहले आचार्यश्री एवं मुनि संघ का मालपुरा में मंगल प्रवेश हुआ। श्रावक श्राविकाओं ने अजमेर रोड पर मुनिसंघ की अगवानी की। ढोल ढमाकों के साथ जुलूस निकाला गया। जो विभिन्न मार्गों से होते हुए दादाबाड़ी पहुंच कर सम्पन्न हुआ।
मालपुरा दादाबाड़ी में बड़ी पूजा के दौरान मौजूद खरतर गच्छाधिपति जिन मणिप्रभ सूरीशवर महाराज एवं समाज के महिला—पुरुष।

दादाबाड़ी पहुंचने पर श्री जैन श्वेतांबर खरतरगचछ संघ जयपुर के अध्यक्ष प्रकाश चंद लोढा, मंत्री देवेंद्र मालू, व्यवस्थापक प्रकाश चंद कोठारी सहित अन्य पदाधिकारियों ने आचार्यश्री एवं मुनि संघ का भव्य स्वागत किया। दोपहर में दादा कुशल गुरुदेव की बड़ी पूजा का आयोजन किया गया। आचार्यश्री सोमवार को सुबह 5 बजे जयपुर के लिए मंगल विहार करेंगे।

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