केकड़ी, 17 दिसम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां अजमेर रोड पर रहने वाले प्रमुख समाजसेवी शिवजीराम सोमाणी का शुक्रवार को आकस्मिक निधन हो गया। लम्बे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय सोमाणी की इच्छा थी कि मरणोपरांत उनके नेत्र दान कर दिए जाए, ताकि मरकर भी उनकी आंखे दुनियां देख सके। उनकी इसी इच्छा को देखते हुए पत्नी भंवरीदेवी एवं उनके पुत्र आनंदीराम सोमाणी, रामगोपाल सोमाणी व हरीराम सोमाणी ने नेत्रदान का संकल्प पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई।
अजमेर से आई टीम ने प्राप्त किया कार्निया परिजनों की स्वीकृति के बाद जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय अजमेर की आई बैंक सोसायटी में सम्पर्क किया गया। सूचना मिलने पर आई बैंक सोसायटी के प्रभारी डॉ. भरत कुमार शर्मा अपनी टीम के साथ अजमेर से केकड़ी पहुंचे। आवश्यक जांच पड़ताल के बाद चिकित्सकों की टीम ने सोमाणी की आंखों का कार्निया प्राप्त कर लिया।
भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता अजमेर आई बैंक सोसायटी के प्रभारी डॉ. भरत कुमार शर्मा ने बताया कि इंसान की मृत्यु के 6 से 8 घंटे के भीतर नेत्रदान का प्रोसेस पूरा करना होता है। अक्सर लोगों को यह भ्रांति रहती है कि नेत्रदान की प्रक्रिया में मृतक की आंखे निकाल लेने से गड्ढे हो जाते है। मगर यह सही नहीं है। नेत्रदान की प्रक्रिया में सिर्फ आंखों का कार्निया निकाला जाता है, इसके साथ ही कृत्रिम आंख लगाई जाती है। जिससे गड्ढा नहीं होता। नेत्रदान में प्राप्त कार्निया को 4 दिन में प्रत्यारोपित किया जाता है।
पिता की अंतिम इच्छा का किया सम्मान, परिजनों ने मरणोपरांत किया नेत्रदान
