केकड़ी, 30 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी शहर थाना पुलिस ने समीपवर्ती नायकी में बुधवार को हुए हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी सुधीर कुमार उपाध्याय ने बताया कि बुधवार को नायकी के खेतों में खून से सना शव मिला था। मौके पर पहुंच कर पड़ताल की तो शव की शिनाख्त नारेड़ा निवासी सत्यनारायण पुत्र भज्जूराम धाकड़ के रूप में हुई। पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु की। पुलिस को जांच में पता चला कि मृतक शादीशुदा है।

तकनीक से मिली सफलता पुलिस ने मौका स्थिति एवं परिस्थितिजन्य सबूतों की पड़ताल की तो हत्याकाण्ड में घारेड़ा थाना टोडारायसिंह जिला टोंक निवासी महेन्द्र जांगिड़ पुत्र रामस्वरूप जांगिड़ की संलिप्तता का पता चला। कॉल डिटेल व लोकेशन की पड़ताल में भी इस बात पर मुहर लग गई। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरु की लेकिन उसका फोन बंद मिला। पुलिस ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर आरोपी के छिपने के स्थान का पता लगा लिया। लोकेशन ट्रेस होने के साथ ही पुलिस टीम ने महेन्द्र को धर दबोचा। पूछताछ में उसने हत्याकाण्ड को अंजाम देने की बात कबूल कर ली। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरु कर दी है। आरोपी को शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
अवैध सबंधों के बारे में कुछ भी कहना फिलहाल जल्दबाजी अवैध संबंधों के कारण हत्या करने की बात पर पुलिस का कहना रहा कि फिलहाल इस एंगल पर जांच की जा रही है। इस बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है। जैसा भी होगा सामने आ जाएगा। पुलिस हर पहलु की जांच कर रही है।

ऐसे की वारदात पुलिस के अनुसार मृतक सत्यनारायण व आरोपी महेन्द्र के बीच गहरी दोस्ती थी। दोनों बचपन में सहपाठी रहे है। दोनों फोन पर बातचीत करते थे। पिछले कुछ दिनों से आरोपी महेन्द्र हत्या की फिराक में था। इसी के चलते वह कुछ दिनों पहले सत्यनारायण को भीलवाड़ा भी लेकर गया था। मगर मृतक के घर वालों को शंका होने पर उन्होंने सत्यनारायण को वापस गांव बुला लिया और केकड़ी स्थित काजीपुरा में किराए का कमरा दिला कर पीटीईटी की तैयारी शुरु करवा दी। पुलिस के अनुसार आरोपी महेंद्र जांगिड़ काजीपुरा स्थित कमरे में भी कई बार जा चुका है। मंगलवार को महेन्द्र जांगिड़ ने सत्यनारायण धाकड़ को फोन किया तथा साथ चलने के लिए कहा।
बाइक पर साथ गए दोनों इसके बाद वह उसे बाइक पर बैठाकर नायकी गांव में खेतों की तरफ ले गया। बबूल के पेड़ की छाया में बैठकर बातचीत करते समय आरोपी महेन्द्र ने सत्यनारायण की गर्दन में चाकू घोंप दिया। जिससे वह अचेत हो गया। इसके बाद आरोपी ने सत्यनारायण के हाथ कमर से बांध दिए तथा वहां रखे पत्थरों से सिर पर वार किए। पत्थरों के ताबड़तोड़ वार से सत्यनारायण की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात अंजाम देने के बाद आरोपी ने सभी पत्थरों को घटनास्थल से थोड़ी—थोड़ी दूरी पर ले जाकर छिपा दिया। इसके बाद वह वहां से रफूचक्कर हो गया। घटना के 24 घण्टे बाद तक इधर उधर फरारी काटता रहा।
टीम में ये है शामिल हत्याकाण्ड का खुलासा करने के लिए पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के निर्देश एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक घनश्याम शर्मा व पुलिस उप अधीक्षक खींवसिंह राठौड़ के सुपरविजन में कुल तीन टीमों का गठन किया गया। पहली टीम में थानाधिकारी सुधीर कुमार उपाध्याय, हैड कान्स्टेबल मदनलाल मीणा, कान्स्टेबल रामराज सामरिया, शुभकरण व चालक हनुमान सिंह, दूसरी टीम में एएसआई राजेन्द्र शर्मा, कान्स्टेबल विनोद कुमार व महेन्द्र कुमार एवं तीसरी टीम में साइबर सेल अजमेर के एएसआई रणवीर सिंह, कान्स्टेबल राजेन्द्र आचार्य व राकेश यादव शामिल है।
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