केकड़ी, 26 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ होम्योपैथी, केकड़ी के तत्वावधान में सोमवार को अन्तरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम एवं प्रतियोगिता की रूपरेखा मेडिसिन विभाग की सहायक आचार्य डॉ. अर्चना दुबे एवं डॉ. डेजी भारद्वाज ने तैयार की। प्रतियोगिता में बीएचएमएस प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने बढ़—चढ़कर भाग लिया। प्रतियोगिता में मनीषा सैनी ने प्रथम, अनिकेत व तनवी ने द्वितीय एवं प्रियंका चौधरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निर्णायक की भूमिका डॉ. राजेश कुमार मीणा, डॉ. नीता शर्मा एवं डॉ. देवेन्द्र नामा ने निभाई।
बदल गई नशे की परिभाषा प्राचार्य डॉ. पुनीत आर. शाह ने नशीली दवाओं के दुरूपयोग एवं अवैध तस्करी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आधुनिक समय में नशा का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। ऐसा नहीं है कि पहले नशे की प्रवृत्ति नहीं थी, पूर्व में भी नशा किया जाता था। लेकिन इसका उद्देश्य समाज को दूषित करना कतई नहीं था। आज नशे की परिभाषा बदल गई है। आजकल बच्चे-बड़े सभी नशा करते हैं। बच्चे तो कई प्रकार का नशा करने लगे हैं, जिनमें शराब, ड्रग्स और हेरोइन शामिल हैं। बच्चों का नशे में रहना गंभीर चिंता का विषय है। बच्चों के हाथ में देश का भविष्य होता है। इससे आने वाली पीढ़ी पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इस दिवस का मुख्य मकसद लोगों को नशा से दूर रखना और नशा तस्करी पर लगाम कसना है। इससे बच्चों और बड़ों का भविष्य उज्ज्वल और स्वर्णिम बन सकेगा।
