Thursday, June 19, 2025
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प्रदोष काल को माना गया है ‘मां लक्ष्मी’ की पूजा का श्रेष्ठ समय, लाभ का चौघड़िया भी होता है शुभ

केकड़ी, 19 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दीपावली को हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। इस बार दीपावली 24 अक्टूबर 2022 को धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। लगातार दो साल तक कोरोना की पाबंदियों के कारण त्योहारों का उत्साह क्षीण पड़ गया था। लेकिन इस बार रोशनी का त्योहार परम्परागत उत्साह के साथ मनाया जाएगा। दीपावली के पहले 22 अक्टूबर 2022 को धनतेरस है। धनतेरस से दीपोत्सव का आगाज होता है। कुबेर देव और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए रोजाना संध्याकाल में घर के अंदर और बाहर दीप जलाएं जाते हैं। दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करनी चाहिए। क्योंकि धन की देवी का वास वहीं होता है, जहां प्रकाश और स्वच्छता हो। इस दिन घर का एक कोना भी अंधकार में नहीं होना चाहिए।

स्थिर लग्न व स्थिर नवांश में करनी चाहिए पूजा पंडित हितेश व्यास के अनुसार लक्ष्मी पूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिर लग्न व स्थिर नवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है। इस बार अमावस्या 24 अक्टूबर को सायं 5.27 से प्रारम्भ होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को सायं 4.18 तक रहेगी। 24 अक्टूबर 2022 को सायं 5.58 से रात्रि 8.32 तक गोधुली बेला व प्रदोष काल यानि की संध्या के समय मां लक्ष्मी की पूजा का उत्तम समय है। दीपावली पर चौघड़िया देखकर भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। ऐसे में लाभ का मुहूर्त बहुत शुभ माना गया है। दीपावली की रात 10 बजकर 35 मिनट से 12 बजकर 11 मिनट तक लाभ का मुहूर्त रहेगा।

दीपावली पूजन 2022 के श्रेष्ठ एवं शुभ मुहुर्त:
अमृत वेला : प्रातः 6.35 से 7.59 तक
शुभ वेला : प्रातः 9.23 से 10.47 तक
वृश्चिक स्थिर लग्न : प्रातः 8.34 से 10.51 तक
अभिजीत मुहूर्त : प्रातः 11.48 से 12.33 तक
चर लाभ अमृत वेला : दोपहर 1.35 से 5.47 तक
कुम्भ स्थिर लग्न : दोपहर 2.38 से 4.08 तक
प्रदोष काल गोधुली वेला : सांय 5.58 से 8.32 तक
वृषभ स्थिर लग्न : रात्रि 7.14 से 9.11 तक
लाभ वेला रात्रि : 10.35 से 12.11 तक
सिंह स्थिर लग्न : रात्रि 1.42 से 3.57 तक

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